Krishna Virat Roop: क्या आपको पता है कि दुर्योधन कृष्ण को सभा के बीच बांधने का एलान तो कर दिया था लेकिन क्यों नहीं बांध पाया था. आखिर उसकी आंखें कैसे चौंधिया गई थी. यहां पढ़ें ये जानकारी.
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Krishna Virat Roop: कृष्ण विराट रूप, महाभारत, अर्जुन, दुर्योधन, महाभारत युद्ध, कृष्ण भगवानकहते हैं न कि होनी को कोई टाल नहीं सकता है. कुछ ऐसा ही हुआ था महाभारत काल के दौरान. एक समय जब ऐसा लगने लगा था कि अब किसी भी हालत में युद्ध को नहीं टाला जा सकता है तब श्री कृष्ण ने इसे टालने की कोशिश में जुटे. युद्ध टालने और संधि का प्रस्ताव लेकर भगवान कृष्ण धृतराष्ट्र की सभा में पहुंचे. वहां पहुंच कर जब उन्होंने संधि का प्रस्ताव रखा तो दुर्योधन आग-बबूला हो गाया.
दुर्योधन ने कृष्ण को कहा अपशब्द
गुस्से में दुर्योधन ने भगवान कृष्ण को अपशब्द कहा लेकिन कृष्ण मुस्कुराते हुए अपना प्रस्ताव रख रहे थे. हद तो तब हो गई जब दुर्योधन ने श्री कृष्ण के प्रस्ताव पर न सिर्फ असहमति जताई बल्कि उन्हें बांधने का आदेश दे दिया. दुर्योधन के इस वर्ताव से सभा में मौजूद सभी लोग हक्के-बक्के रह गए.
दुर्योधन के आदेश से सभी हुए सन्न
किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर दुर्योधन ऐसा क्यों कर रहा है. महामंत्री विदुर और पितामह ने जब दुर्योधन को टोका तो उसने आवेश में उन दोनों को भी भला-बुरा कहा. दुर्योधन इस बात पर अड़ा हुआ था कि कृष्ण को बांध लिया जाए. उन्हें किसी भी तरह से सभा से बाहर न जाने दिया जाए.
कृष्ण ने धारण की विराट स्वरूप
दुर्योधन का आदेश सुनते ही वहां मौजूद द्वारपाल कृष्ण को बांधने के लिए दौड़ पड़ा. लीलाधर कृष्ण समझ गए कि अब वह समय आ गया जब दुर्योधन को अपना विराट रूप दिखा दिया जाए. उसके बाद श्री कृष्ण ने तेज प्रकाश के साथ विराट रूप धारण की. इस दौरान इतनी तेज प्रकाश हुई कि किसी को कुछ नहीं दिखाई पड़ा सिवाय महामंत्री विदुर और भीष्म पितामह के.
चौंधिया गई थी दुर्योधन की आंखें
कृष्ण के तेज प्रकाश के सामने दुर्योधन समेत सभी की आंखें चौंधिया गई. नतीजा यह हुआ कि दुर्योधन चाहकर भी कृष्ण को नहीं बांध पाया. कृष्ण के इस रूप के बाद भी दुर्योधन उन्हें समझ नहीं पाया और साधारण मानव समझने की भूल करता रहा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)