नई दिल्ली: हिंदी पंचांग (Bhaum Pradosh Vrat 2021 Panchang) के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी 26 जनवरी को प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2021 Date) है. इस दिन भगवान शिव की पूजा (Shiva Puja) की जाती है. पंचांग के अनुसार, पौष का महीना चल रहा है. इस महीने में शिव पूजा का विशेष महत्व होता है. पौष में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) रखने और शिव पूजा करने से घरेलू कलह, आर्थिक संकट और विवाह संबंधी समस्याएं दूर करने में मदद मिलती है.


26 जनवरी 2021 का पंचांग


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प्रदोष व्रत त्रयोदशी (Bhaum Pradosh Vrat 2021 Panchang) की तिथि को रखा जाता है. इस दिन आद्रा नक्षत्र रहेगा और चंद्रमा मिथुन राशि में गोचर कर रहा होगा. योग की बात करें तो त्रयोदशी की तिथि पर वैधृति योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन राहुकाल 15:14:27 से 16:34:47 तक रहेगा. राहु काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दिन अभीजीत मुहूर्त 12:12:22 से 12:55:12 तक रहेगा. शुभ कार्य इस मुहूर्त में कर सकते हैं.


प्रदोष व्रत का महत्व


प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2021 Importance) रखने और इस दिन विधिपूर्वक शिव पूजा करने से दांपत्य जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर होती हैं. वहीं जिन कन्याओं के विवाह में कोई दिक्कत आ रही है उन्हें भी ये व्रत करना चाहिए. इसके साथ ही इस व्रत को रखने से अशुभ ग्रहों का प्रभाव भी खत्म होता है. इससे शनि और चंद्रमा की अशुभता को दूर करने में भी मदद मिलती है.


भौम प्रदोष पूजा मुहूर्त


प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल (Bhaum Pradosh Vrat 2021 Shubh Muhurat) में ही करना उत्तम माना जाता है. आपको बता दें कि सूर्यास्त के बाद और रात्रि से पूर्व का समय प्रदोष काल (Pradosh Kaal) होता है. इस बार 26 जनवरी को भौम प्रदोष व्रत की पूजा के लिए कुल 02 घंटे 39 मिनट का समय है. आपको 26 जनवरी 2021 को शाम को 05 बजकर 56 मिनट से रात 08 बजकर 35 मिनट के बीच भगवान शिव की पूजा कर लेनी चाहिए.


भौम प्रदोष व्रत 


इस व्रत को भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2021 Date) भी कहा जाता है. मंगलवार के दिन त्रयोदशी की तिथि को पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है. इसी तरह से सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) कहा जाता है और शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष (Shani Pradosh) कहते हैं.


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प्रदोष काल में की जाती है पूजा 


प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2021 Puja Vidhi) की पूजा सुबह और शाम, दोनों समय में की जाती है. लेकिन प्रदोष काल में इस पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से भगवान प्रसन्न होते हैं. प्रदोष व्रत विधि पूर्वक करने से घर के कलह खत्म हो जाते हैं.


प्रदोष व्रत पूजन विधि


प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2021 Puja Vidhi) के दिन सुबह नित्यक्रिया के बाद स्नान कर पूजा आरंभ करें. व्रत का संकल्प लेने के बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें. पंचामृत का पूजा में जरूर प्रयोग करें. धूप-दीप दिखाएं और भगवान शिव को भोग लगाएं. इसके बाद व्रत का संकल्प करें. कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव त्रयोदशी तिथि में शाम के समय कैलाश पर्वत पर स्थित अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं. यह व्रत सभी अशुभ ग्रहों के प्रभाव को खत्म करता है. 


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