Bhai Dooj 2023 kab hai: भाई दूज का दिन 5 दिन के दीपोत्‍सव पर्व का आखिरी दिन होता है. इस दिन भाई अपनी बहनों के घर जाते हैं. वहां बहनों के हाथ का बना खाना खाते हैं और तिलक लगवाकर उनका आशीर्वाद लेते हैं. ऐसा करने से अकाल मृत्‍यु का खतरा दूर होता है. भाई दूज पर्व कार्तिक शुक्‍ल द्वितीया को मनाया जाता है. इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है. जिसके मुताबिक कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमुना ने अपने घर में भाई यम यानी यमराज का स्‍वागत करके उन्‍हें अपने हाथ से भोजन बनाकर खिलाया था. तब से कार्तिक शुक्‍ल द्वितीया को भाई दूज का त्‍योहार मनाया जाता है. इस साल 15 नवंबर 2023 को भाई दूज मनाई जाएगी. 


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भाई-बहन इन बातों का रखें ध्‍यान 


- भाई दूज के दिन यमराज ने अपनी बहन यमुना के घर भोजन किया था और प्रसन्‍न होकर कहा था कि कार्तिक शुक्‍ल द्वितीया के दिन जो भाई अपनी बहन के घर भोजन करेगा, उसे अकाल मृत्‍यु का खतरा नहीं रहेगा. 


- जिन लोगों की बहन नहीं हैं, वे अपने मामा, मौसी, बुआ या मुंहबोली बहन से भाई दूज का टीका लगवा सकते हैं. यदि ऐसा भी संभव ना हो तो गाय या नदी को बहन मान लें और नदी के किनारे किसी स्‍थान पर भोजन कर लें. ध्‍यान रहे कि यम द्वितीया के दिन अपने घर में भोजन ना करें. इस दिन बहन के घर भोजन करने से अच्‍छी सेहत मिलती है और उम्र लंबी होती है. 


- भाई दूज के दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाकर उसकी आरती जरूर करें. वहीं भाई अपनी बहन को सामर्थ्‍य अनुसार गिफ्ट जरूर दें. ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. 


- संभव हो तो भाई इस दिन यमुना जी में स्‍नान करें या किसी अन्‍य पवित्र नदी में स्‍नान करें. ऐसा संभव ना हो तो घर में यमुना जल या अन्‍य किसी पवित्र नदी का जल नहाने के पानी में मिलाकर स्‍नान कर लें. 


- साथ ही भाई दूज के दिन बहन-भाई दोनों मिलकर यम, चित्रगुप्त और यम के दूतों की पूजा करें. साथ ही उनको अर्घ्य दें. ऐसा करने से बहन भाई की आयु वृद्धि होती है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)