Kalash Nariyal Upay: नवरात्रि के नौ दिन आज पूरे हो चुके हैं. इस साल नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल के दिन हुई थी और इसका समापन 17 अप्रैल को हुआ है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ कलश के ऊपर नारियल की स्थापना की जाती है. नवरात्रि के 9 दिन पूजा-पाठ के साथ व्रत रखा जाता है. कहते हैं कि नारियल के बिना नवरात्रि की पूजा विशेष रूप से फलदायी नहीं होती. इसलिए कलश के ऊपर नारियल की स्थापना की जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं नवरात्रि के बाद कलश पर रखे नारियल का क्या किया जाए. 


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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवरात्रि के आखिरी दिन नारियल के इन उपायों को करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर जमकर कृपा बरसाती हैं. भक्तों से प्रसन्न होकर मां अम्बे उनकी सबी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.  


कलश पर रखे नारियल का क्या करें


पूजा स्थल पर रखें नारियल


नवरात्रि में स्थापित किए गए नारियल के कुछ उपाय आपको धनवान बना सकते हैं. इस दौरान नारियल की अनदेखी नहीं करनी चाहिए. कई बार लोग नवरात्रि के समापत होने के बाद नारियल को इधर-उधर रख देते हैं या फिर किसी और तरह काम में लेते हैं. लेकिन उनकी ये गलती 9 दिन के व्रत का फल नहीं देती. मान्यता है कि इस नारियल में माता रानी की विशेष कृपा होती है. ऐसे में इस नारियल को लाल रंग के कपड़े में लपेट कर पूजा स्थल पर रख दें. 


प्रसाद के रूप में खाएं


नवारत्रि में कलश के ऊपर रखे नारियल को नवरात्रि के आखिरी दिन विधि विधान के साथ हटाना चाहिए. इसके बाद इस नारियल को नदी या बहते हुए जल में प्रवाहित करना चाहिए. इससे अच्छा है आप इन्हें प्रसाद के रूप में कन्याओं में बांट दें और स्वयं भी खाएं. इससे घर में सुख-समृद्धि आती है. 


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घर के मुख्य द्वार पर लटकाएं


नवरात्रि के बाद कलश के ऊपर रखे नारियल को लाल रंग के कपड़े में बांध कर घर के मुख्य दरवाजे पर लटका दें. इसके बाद अगले नवरात्रि से पहले इस नारियल को नदी में प्रवाहित कर दें. और बाद में फिर से नारियल को इसी प्रक्रीया से बांध दें. 


दुकान आदि में रखें


नवरात्रि के बाद कलश से हटाए गए नारियल को आप अपनी दुकान, आफिस या फैक्ट्री आदि में रख सकते हैं. इससे मां दुर्गा की कृपा बनी रहती है. और व्यापार में भी बरकत होती है. 


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इसके अलावा, पूजा की सामग्री को जल में प्रवाहित करना भी उत्तम रहता है. चाहे वे पूजा में इस्तेमाल हुए चावल हो या फिर नारियल. ऐसा करने से कोई दोष  नहीं लगता और पूजा का संपूर्ण फल मिलता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)