Chanakya Niti for Happy Life: इंसान अच्छी जिंदगी के लिए क्या नहीं करता. मेहनत कर पैसा कमाता है. घर से लेकर सुखी जीवन के लिए हर वस्तु को जोड़ता है. हालांकि, इस दौरान वह कई गलतियां भी कर देता है, जिस वजह से उसकी जिंदगी नरक के समान हो जाती है. आचार्य चाणक्य ने सुखी जीवन के कुछ उपाय बताए हैं, इन उपायों या बातों को अगर जिंदगी में अमल कर लिया तो जिंदगी स्वर्ग के समान लगने लगती है.


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मृत्यु के समान है रहना


आचार्य चाणक्य ने जीवन में चार लोगों से दूरी बनाने को कहा है. ये चार लोगों को अगर जिंदगी से निकाल दिया जाए तो इंसान को सुखी होने से कोई नहीं रोक सकता है. आचार्य चाणक्य ने ऐसे चार लोगों के साथ रहना मृत्यु के समान बताया है. ये चार लोग दुष्ट पत्नी, चालाक मित्र, बदमाश नौकर और सांप हैं.


घोखेबाज सेवक


सेवक या नौकर, चाहे वह ऑफिस में हो या घर में, हमेशा वफादार ही रखने चाहिए. धोखेबाज सेवक से हमेशा बचकर रहना चाहिए. ऐसे सेवक आपको कभी भी फंसा सकते हैं और आपका फायदा उठाकर परेशानी में डाल सकते हैं.


दुष्ट पत्नी


आचार्य चाणक्य की नीति कहती है कि घर में दुष्ट पत्नी हो तो आपका सुखमय जीवन मौत के समान लगने लगता है. जिस घर में ऐसी स्त्री निवास करती है, वह घर नरक के समान हो जाता है. ऐसे घर में हमेशा कलह, झगड़ा होते रहता है, जिससे इंसान की जिंदगी बर्बाद हो जाती है.


सांप


वैसे तो लोग सांपों से दूरी ही बनाकर रखते हैं, लेकिन सांप पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए. दूध पिलाए जाने वाला सांप भी आपको काट सकता है. ऐसे में जिस घर में सांप हो, उस घर का त्याग कर देना चाहिए, वरना वह आपको काटकर मौत के दर्शन करा सकता है.


चालाक मित्र


सुख-दुख में साथ देने वाले को ही दोस्त कहते हैं. बिना दोस्त के जिंदगी अधूरी लगने लगती है. ऐसे में लाइफ में भले ही कम दोस्त हों, मगर भला चाहने वाले सच्चे मित्र हों. वहीं, चाणक्य कहते हैं कि मगर चालाक दोस्त से हमेशा बचकर रहना चाहिए. ऐसे दोस्त कभी आपका भला नहीं चाहते. वह अक्सर आपसे झूठ बोलेंगे और वक्त पड़ने पर धोखा दे देंगे. ऐसे दोस्त के साथ रहना भी मौत के समान होता है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)