Lunar Eclipse 2024 in India: हिंदू धर्म में ग्रहण को शुभ नहीं माना गया है क्‍योंकि इस दौरान माहौल में नकारात्‍मकता बढ़ जाती है. इसलिए ग्रहण के दिन पूजा पाठ या उत्सव नहीं मनाया जाता है. साथ ही मंदिरों के पट बंद कर ग्रहण काल में केवल भजन कीर्तन जैसे कार्य ही किए जाने का विधान है. ज्‍योतिषाचार्य पंडित शशिशेखर त्रिपाठी कहते हैं कि ग्रहण की स्थिति में ग्रहण के स्पर्श और मोक्ष के साथ ही सूतक भी माना जाता है. चंद्रग्रहण की स्थिति में सूतक ग्रहण स्पर्श से ठीक 8 घंटे पहले लग जाता है. सूतक लगने के साथ ही भोजन व अन्य कार्य त्याग दिए जाते हैं. इस अवधि में सोना भी वर्जित होता है. 


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चंद्र ग्रहण और होली को लेकर असमंजस 


इस बार चंद्रग्रहण फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को है जो कि 25 मार्च को है. इसे लेकर लोगों में भ्रम है कि होली में रंग खेले जाएंगा या नहीं क्योंकि होली पर बड़े लोग भले ही रंग न खेलने कि बात मान जाएं किंतु बच्चों को रंग खेलने से मना नहीं किया जा सकता है. जाहिर है वर्ष में एक बार पड़ने वाले इस पर्व को लेकर बच्चों में खासा उत्साह होता है. घरों में पहले से ही चिप्स पापड़ गुझिया आदि बनने लगती हैं. बाजार भी रंग पिचकारी से सज गयी है. 


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चंद्र ग्रहण 2024 का समय 


पंडित शशिशेखर त्रिपाठी कहते हैं, दरअसल इस बार का ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए चंद्रग्रहण से संबंधित वेध, सूतक, स्नान, दान पुण्य कर्म यम और नियम आदि मान्य नहीं होंगे. 25 मार्च को फाल्‍गुन पूर्णिमा दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी. सोमवार को होने वाला चंद्रग्रहण एक उपछाया ग्रहण होगा किंतु भारत में न दिखने के कारण इससे संबंधित कोई भी नियम नहीं माना जाएगा. यह ग्रहण उत्तरी अफ्रीका, एशिया महाद्वीप, रूस भारत और इनके मध्य में आने वाले देशों को छोड़कर अन्य देशों में दृश्य होगा. लिहाजा निश्चिंत होकर 25 मार्च को जमकर रंग खेलें, गले मिले और गिले शिकवे भूलकर होली का त्योहार एक दूसरे को कुछ मीठा खिलाकर मनाएं.