Falgun Amavasya 2024: वैदिक पंचाग के अनुसार हर महीने के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या होती है. फाल्गुन अमावस्या काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन स्नान-दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. फाल्गुन अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से कुंडली के पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है. कुंडली में पितृ दोष से घर-परिवार में अशांति का माहौल रहता है और नकारात्मकता फैल जाती है. आइए जानते हैं पितृ दोष से मुक्ति पाने के उपाय.


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पितृ दोष से मुक्ति पाने के उपाय
हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुम महीने की अमावस्या की तिथि 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो गई है. इसका समापन आज दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर होगा. उदया तिथि के चलते आज यानी 10 मार्च को फाल्गुन अमावस्या मनाई जा रही है. पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए आप इन मंत्रों का जाप जरूर करें, जरूर फायदा देखने को मिलेगा.


 


1. ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्'
2. गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदा सिंधु कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू
3. अयोध्या मथुरा, माया, काशी कांचीअवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेयाः सप्तैता मोक्ष दायिका
4. ॐ कुल देवताभ्यो नमः।
5. ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्


 


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पितरों को प्रसन्न करने का उपाय


1. पितरों का प्रसन्न करने के लिए फाल्गुन अमावस्या पर पशु पक्षियों को दाना डालें. इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन की समस्याओं को दूर करते हैं.


2. फाल्गुन अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा पितृ प्रसन्न हो कर मनोकामनाएं पूरे करते हैं.


3. पितरों की नाराजगी दूर करने के लिए पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाएं और शाम के समय तिल के तेल का दीपक जलाएं.


4. फाल्गुन अमावस्या पर भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करें. इसके अलावा शिव के पंचाक्षरी मंत्र का श्रद्धाभाव से पाठ करने से शनि के प्रकोप का डर खत्म हो जाता है.


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)