Chaturmas Niyam: भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनकर्ता कहा जाता है. सारी सृष्टि को चलाने वाले श्री हरि ही हैं. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी  को देवशयनी एकादशी होती है. इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए निद्रा योग में चले जाते हैं और कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं. इन चार महीनों को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है. इन चार महीनों में पूजा-पाठ का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. मान्यता है कि ये चार महीने किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. आइए जानते हैं चातुर्मास में किन कामों को करने की मनाही है. 


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चातुर्मास में इन कार्यों को करने की है मनाही


- बता दें कि इस साल चातुर्मास का प्रारंभ 10 जुलाई से हो रहा है. इस दौरान सभी शुभ और मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे कार्यों नहीं किए जाते. 


 


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- चातुर्मास के दौरान अगर आप व्रत कर रहे हैं, तो इस दौरान पलंग और दरी पर भूलकर भी न सोएं. 


- इन चार महीने ब्रह्मचार्य व्रत का पालन करना चाहिए. साथ ही, व्रतों के नियमों के अवहेलना करने पर भी पाप लगता है. 


- अगर आप शादीशुदा है तो चार महीने पूरी तरह से ब्रह्मचार्य व्रत का पालन करें. किसी भी प्रकार से शारीरिक संबंध न बनाएं. 


 


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- चातुर्मास में सावन का महीना बेहद पवित्र माना जाता है. इस माह में भगवान शिव की उपासना की जाती है. अगर आप सावन में व्रत आदि रख रहे हैं, तो पूरे माह दाढ़ी, नाखून और बाल आदि न कटवाएं. 


- इस पूरे माह में प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, धूम्रपान आदि का सेवन न करें. 


- इस दौरान अगर आप व्रत रख रहे हैं, तो यात्राओं से परहेज करें. 


- चातुर्मास में ज्यादा से ज्यादा भगवान की भक्ति करें. इस दौरान तन, मन और वचन तीनों का शुद्ध होना जरूरी है. साथ ही, किसी के प्रति घृणा कड़वे बोल, लोभ, मोह, घमंड आदि न रखें. 



(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)