Home के कोने-कोने पर असर डालते हैं ग्रह, जानें Planets के मुताबिक किस जगह पर कैसा होना चाहिए Vastu
ग्रहों का घर के वास्तु पर बहुत असर होता है. हर ग्रह किसी न किसी दिशा का प्रतिनिधित्व करता है. ऐसे में ग्रहों के मुताबिक घर का वास्तु करने से परिवार के सदस्यों को लाभ, सफलता, मान-सम्मान मिलता है.
नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में दिशाओं (Directions) का बड़ा महत्व बताया गया है. घर-दफ्तर में किस दिशा में कौनसा कमरा कहां होना चाहिए, किस दिशा में क्या चीज रखनी चाहिए और क्या नहीं, इन सबके बारे में विस्तार से बताया गया है. इसी तरह ग्रहों (Planets) और वास्तु (Vastu) का संबंध भी बताया गया है. ज्योतिषाचार्य डॉ.शमा शर्मा कहती हैं कि हर ग्रह का घर के किसी न किसी हिस्से पर प्रभाव होता है. ऐसे में उन जगहों पर ग्रहों के मुताबिक सामान रखने से या उन जगहों का उपयोग ग्रहों की प्रकृति के मुताबिक करने से बहुत लाभ होता है.
घर के किस कोने पर असर डालता है कौनसा ग्रह
सूर्य ग्रह: पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य ग्रह हैं और देवता इंद्र है. सूर्य स्वास्थ्य, ऐश्वर्य और तेजस्व प्रदान करने वाला ग्रह है. यदि घर की पूर्व दिशा दोषमुक्त रहे तो उस भवन का स्वामी और उसमें रहने वाले सदस्य महत्वकांक्षी, सत्वगुणों से युक्त होते हैं. उनके चेहरे पर तेज होता है. ऐसी स्थिति घर के मुखिया को खूब मान-सम्मान दिलाता है. लिहाजा वास्तु में पूर्व दिशा को खुला छोड़ने की सलाह दी जाती है ताकि सूर्य की रोशनी घर में आ सके. कभी भी इस दिशा को बंद न करें और ना ही यहां भारी सामान रखें.
शुक्र ग्रह: शुक्र आग्नेय कोण के अधिपति ग्रह हैं और इस दिशा के देवता अग्निदेव हैं. शुक्र ग्रह ऐश्वर्य के स्वामी हैं. जिस भवन में दक्षिण-पूर्व या आग्नेय कोण दोष मुक्त होता है, वहां धन-समृद्धि बनी रहता है. इस दिशा में रसोई, बिजली के सामान और बिजली का मीटर होना वास्तु के अनुसार शुभ माने गए हैं.
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मंगल ग्रह: दक्षिण दिशा मंगल ग्रह के अधीन होती है और इस दिशा के देवता यम हैं. मंगल ग्रह साहस और धन देने वाला होता है. मंगल ग्रह निडर, साहसी और दिलेर होता है और यह युद्ध, लड़ाई, क्रोध का अधिपति भी है. दक्षिण दिशा विधि, न्याय, मुकदमेबाजी, आराम, जीवन और मृत्यु से संबंधित है. इसलिए इस दिशा में बेडरूम और स्टोर रूम होने चाहिए.
राहु ग्रह: दक्षिण पश्चिम दिशा या नैऋत्य कोण का स्वामी राहु ग्रह है और इस दिशा की देवी आसुरी शक्ति वाली हैं. इस दिशा में तमस तत्व सर्वाधिक होता है इसलिए वास्तु में इस दिशा में सबसे ज्यादा भारी सामान रखना शुभ बताया गया है. घर में भूलकर भी इस दिशा में हल्की चीजें न रखें और ना ही इस जगह को खुला रखें. इस दिशा में बेडरूम, ऑफिस, बाथरूम या स्टोर रूम बनाना लाभदायक रहता है.
शनि ग्रह: पश्चिम दिशा लाभ और प्रसन्नता की दिशा है. इस दिशा के ग्रह शनि और देवता वरुण देव है. शनि ग्रह भाग्य, कर्म, यश तथा पौरुष संबंधी कार्यों का कारक होता है. इस दिशा में ड्राइंगरूम, बेडरूम, लाइब्रेरी होना शुभ होता है.
चन्द्रमा ग्रह: वायव्य दिशा का स्वामी चन्द्रमा है. यह शांत चित्त और भाग्य का अधिपति ग्रह है. यह मन, चित्तवृत्ति, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य, संपत्ति और माता का कारक है. वहीं वास्तु में वायव्य कोण वायुदेव का स्थान है. वायुदेव हमें शक्ति, प्राण, स्वास्थ्य प्रदान करते है. सामाजिक जीवन और व्यापार पर इसका विशेष प्रभाव होता है. इस दिशा में भोजनकक्ष, अतिथि गृह, विवाह योग्य लड़कियों का कमरा और बिना टॉयलेट के बाथरूम होना शुभ होता है.
बुध ग्रह: बुध ग्रह उत्तर दिशा के स्वामी हैं और इस दिशा के देवता कुबेरदेव हैं. बुध वाक्चातुर्य और बुद्धिमत्ता का प्रतिनिधि ग्रह है. जिस घर में उत्तर दिशा शुभ होती है वहां के लोग अत्यंत बुद्धिमान, विद्वान, लेखन एवं कविता में रूचि रखने वाले होते हैं. बुध सम्पन्नता और करियर का प्रतिनिधि ग्रह है इसलिए इस दिशा में अध्ययन कक्ष, तिजोरी और लाइब्रेरी होना शुभ माने गए हैं.
गुरु ग्रह: गुरु ग्रह उत्तर-पूर्व या ईशान कोण का स्वामी ग्रह है और विष्णुदेव इस दिशा के देवता हैं . गुरु, ईश्वरीय तेज और आध्यात्मिक कामों का ग्रह है. बौद्धिक विकास और बौद्धिक शांति के लिए, ईश्वर की कृपा पाने के लिए यह दिशा बहुत अहम है. इस दिशा में पूजा स्थल और योग कक्ष बनाना अत्यंत शुभकारी है.