संगीत एक ऐसा माध्यम जो न सिर्फ मन को मोह लेता है, बल्कि लोगों को एकजुट करने और देशभक्ति की भावना जगाने में भी अहम भूमिका निभाता है. आज के दौर में जहां युवा पीढ़ी पश्चिमी संस्कृति की ओर आकर्षित होती जा रही है, वहीं, देशभर में कई लोग भारतीय संस्कृति को बचाने और उसमें रची-बसी देशभक्ति की भावना को जगाने के लिए आगे आ रहे हैं. इस मुहिम में संगीत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.


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देश के विभिन्न हिस्सों में कलाकार और संगठन अपने संगीत के माध्यम से हिंदुत्व और देशभक्ति का संदेश फैला रहे हैं और भारतीय संस्कृति के संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. इन्हीं में से एक है सुरत की श्री बजरंग सेना, जो संगीत के अनोखे माध्यम से हिंदुत्व तथा राष्ट्रभक्ति की अलख जगा रही है. इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हितेश विश्कर्मा ने बताया कि नई पीढी हो या हमारे बडे़ बुजुर्ग सभी लोग संगीत से जोडे़ जा सकते हैं. हमारी संस्कृति में संगीत माता सरस्वती का रूप है. हम हिन्दुत्व तथा राष्ट्रभक्ति की अलख जगाने के लिए माता सरस्वती का आशीर्वाद ले रहे हैं.


इस कड़ी में जानी-मानी गायिका इशिता विश्वकर्मा से हनुमान चालीसा का पाठ करवाया, जो पूरे देश लाखों भक्तों तथा हमारे कार्यकर्ताओ द्वारा सुना व सराहा जा रहा है. हितेश ने कहा कि भविष्य में भी ऐसे ही लेबल्स के साथ संगीत के माध्यम से हिन्दुत्व, देशभक्ति तथा हमारी संस्कृति के उत्थान के लिए काम करे रहेंगें.


कौन हैं हितेश विश्वकर्मा?
हितेश विश्वकर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ था और वह पिछले चार वर्षों से समाज सेवा के विभिन्न पहलुओं में एक्टिव हैं. वह समय-समय पर आश्रमों में जाकर भी सेवा काम करते हैं, जिससे समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्ग को सहायता मिलती है. उनका जीवन और काम समाज के विकास और उत्थान में एक इंस्पिरेशनल उदाहरण प्रस्तुत करते हैं.


कौन है श्री बजरंग सेना?
श्री बजरंग सेना का स्थापना दिवस 6 अप्रैल 2019 है. यह संस्था भारतीय संस्कृति, धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए समर्पित है. श्री बजरंग सेना का प्रमुख उद्देश्य धर्म रक्षा और धर्म प्रचार, गौ रक्षा, भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार, गौशाला और संस्कृत पाठशाला का निर्माण, हिन्दुत्व का प्रचार-प्रसार , धार्मिक कार्यक्रमो का आयोजन में एक्टिव बनाए रखना है. श्री बजरंग सेना की गतिविधियां भारतीय संस्कृति और धर्म की संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और समाज में एकता और जागरूकता को बढ़ावा देती हैं.