Ganesh Ji: कंगाल कर सकता है गणेश जी के ऐसे दर्शन करना, जानें बप्पा से जुड़े ऐसे ही कुछ तथ्य
Ganesh Ji Worship: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गणेश जी की पूजा करने से भक्तों के सभी विघ्न दूर हो जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवना गणेश की पूजा करते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है. वरना आपको दरिद्र होने में जरा भी देर नहीं लगेगी.
Ganesh Utsav Puja Niyam: गणेश भगवान को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है. उनकी पूजा मात्र से व्यक्ति के जीवन में आ रही बाधा टल जाती है. इसलिए हर शुभ काम से पहले उनकी विशेष रूप से पूजा की जाती है. गणेश महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है और इन दिनों विशेष तौर पर लोग विघ्नहर्ता की पूजा करते हैं.
कहते हैं इस दिन उनकी पूजा करने से वे जल्द प्रसन्न होते हैं. लेकिन कहते हैं कि गणेश जी के दर्शन कभी भी पीछे से नहीं करने चाहिए. वहीं, गणेश जी को बुधवार का दिन ही क्यों समर्पित है. जानें इन रोचक तथ्यों के बारे में. जानते हैं इसके पीछे के रोचक तथ्यों के बारें.
बेहद रोचक है पौराणक कथा
भगवान गणेश की पूजा बुधवार के दिन करने के पीछे एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार कहते हैं कि जब मां पार्वती ने भगवान गणेश को बनाया था उस दिन कैलाश पर बुधदेव भी उपस्थित थे. बुधदेव ने ही सबसे पहले गणेश भगवान के दर्शन किए इसलिए वे उनके प्रतिनिधित्व ग्रह कहलाएं. इसलिए बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है.
एक अन्य कथा है अनुसार कहते हैं कि जब भगवान शिव त्रिपुरासुर का वध करने निकले तो वे बिना भगवान गणेश की पूजा के निकल गए इसलिए पहली बार वे युद्ध में सफल हो गए. इस पर विचार करने के बाद उन्होंने अगले युद्ध से पहले गणेश भगवान की पूजा की और फिर त्रिपुरासुर से युद्ध के जीत गए इसलिए जब से ही किसी भी काम की शुरुआत से पहले गणेश भगवान की पूजा करने की प्रथा शुरु हुई. कहते हैं कि जिस दिन शिव त्रिपुरासुर से युद्ध जीते थे उस दिन बुधवार ही था.
पीछे से कभी नहीं किए जाते दर्शन
शास्त्रों के अनुसार गणेश भगवान की पीठ के दर्शन कभी नहीं करने चाहिए. कहते हैं कि उनका पीठ की तरफ दरिद्रता का वास होता है इसलिए हमेशा सामने से ही गणेश भगवान के दर्शन किए जाते हैं.
मां लक्ष्मी के साथ क्यों होती है पूजा
अक्सर हम पूजा में मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा साथ करते हैं इसके पीछे भी एक कथा प्रचलित है. कहते हैं कि कोई संतान न होने के कारण मां लक्ष्मी बहुत दुखी थी, जब ये बात पार्वती को पता चली हो उन्होंने गणेश भगवार को मां लक्ष्मी के गोद में बैठाकर बोला की गणेश भी आपका पुत्र है. इससे लक्ष्मी मां बहुत प्रसन्न हुई और कहा कि जो व्यक्ति मेरी पूजा गणेश भगवान के साथ नहीं करेगा उसके घर सुख-संपन्नता और लक्ष्मी का वास नहीं होगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)