Gangeshwar Mahadev Temple: भारत में कई प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं, जिनके दर्शन करने के लिए करोड़ों श्रद्धालु इन मंदिरों में पहुंचते हैं. सावन महीने में तो शिव जी की विशेष आराधना की जाती है. 22 जुलाई 2024 से सावन महीना शुरू होने वाला है, जो कि 19 अगस्‍त 2024 तक रहेगा. आज हम एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में जानते हैं, बेहद प्राचीन है और इस शिवलिंग का अभिषेक स्‍वयं समुद्रदेव करते हैं. 


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समुंदर किनारे चट्टानों पर है ये शिवलिंग 


गुजरात के पास दीव से 3 किलोमीटर दूर फुदम में स्थित गंगेश्‍वर महादेव मंदिर वाकई अद्भुत है. यहां पर शिवलिंग समुद्र तट पर चट्टानों पर स्थित है. हर मिनट समुद्र की लहरें यहां चट्टानों से टकराती हैं और शिवलिंग का जलाभिषेक करती हैं. 


 



5000 साल पुराना है शिवलिंग 


मान्‍यता है कि गंगेश्‍वर महादेव मंदिर लगभग 5000 साल पुराना है और यह महाभारत काल का है. माना जाता है कि यह शिवलिंग पांडवों ने वनवास काल के दौरान बनाया गया है. इस मंदिर में 5 शिव लिंग हैं. हर कुछ सेकंड्स में समुद्र की लहरें टकराती हैं और शिवलिंग का अभिषेक करके वापस समुद्र में मिल जाती हैं. हर साल शिवरात्रि पर इस मंदिर में भव्‍य आयोजन होता है और लाखों श्रद्धालु महोदव के दर्शन करने के लिए आते हैं. शिवलिंग के पास ही ऊपर की ओर चट्टान पर नाग की आकृति भी उकेरी हुई है. 


सीशोर मंदिर के नाम से भी है प्रसिद्ध 


समुद्र के तट पर होने के कारण इस मंदिर को 'सीशोर मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है. वहीं गंगा को अपनी जटाओं में धारण करने के कारण भगवान शिव को गंगेश्‍वर भी कहा जाता है. गुजरात राज्‍य के दीव शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर फदुम गांव में स्थित इस मंदिर में श्रद्धालु सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक दर्शन कर सकते हैं. 


इस मंदिर में भगवान शिव के अलावा भगवान गणेश, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी माता की भी मूर्ति स्थापित हैं. मंदिर और इसके आसपास की खूबसूरती भी मन मोह लेने वाली है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)