Garuda Puran About After Death: इंसान की मौत के बाद भी कई तरह के नियम होते हैं. इनका परिवार के सदस्यों द्वारा पालन किया जाता है. इसके बारे में गरुड़ पुराण में विस्तार से बताया गया है. मौत के बाद के संस्कार को अंतिम संस्कार कहा जाता है. परिवार में किसी की मौत होने के बाद कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है. जैसे कभी भी सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है. वहीं, घर का बड़ा बेटा ही दाह संस्कार करता है. इसके अलावा शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

तांत्रिक क्रिया


गरुड़ पुराण के अनुसार, रात के समय तांत्रिक क्रियाएं अधिक की जाती हैं. रात के समय शव को अकेले छोड़ दिया जाए तो मृत आत्मा संकट में आ जाती है. ऐसे में शव को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.


बुरी आत्माएं


गरुड़ पुराण के मुताबिक, शव को अकेला छोड़ने से बुरी आत्माएं मृत शरीर में प्रवेश करने की कोशिश करती हैं. ऐसे में खासकर रात के समय शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता है. इस समय बुरी आत्माएं अधिक सक्रिय होती हैं.


बैक्टीरिया


मौत के बाद मृत शरीर में कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया पनपने का खतरा बने रहता है, इसलिए आपने देखा होगा कि शव के आसपास कोई न कोई बैठा रहता है और अगरबत्ती या धूपबत्ती भी जलाई जाती है.


आत्मा


इंसान के मौत के बाद उसकी आत्मा शव के आसपास ही रहती है. इस दौरान वह दोबारा से शरीर में प्रवेश करने की कोशिश करती हैं. ऐसे में शव को लोग अकेला नहीं छोड़ते हैं.


कीड़े-मकौड़े


वहीं, इंसान की मृत्यु के बाद शव के आसापस कीड़े-मकौड़े आने का डर रहता है, जिससे शव जल्द खराब होने की आशंका बनी रहती है. ऐसे में लोग शव को अकेला नहीं छोड़ते हैं.


अपनी निःशुल्क कुंडली पाने के लिए यहाँ तुरंत क्लिक करें


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)