Gemology: गोमेद रत्न के पूरे लाभ के लिए परिवार में इस रिश्ते का करें सम्मान, मिलेगी उन्नति
Gomed Gem: ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों से संबंधित रत्नों के बारे में बताया गया है. हर रत्न किसी न किसी ग्रह से संबंधित होता है. आज हम जानेंगे राहु के शुभ फलों की प्राप्ति के लिए कौन सा रत्न धारण करना चाहिए. साथ ही, किस रिश्ते का सम्मान है जरूरी.
Gomed Benefits: राहु के फलों को प्राप्त करने के लिए गोमेद धारण किया जाता है ताकि राहु धारण करने वाले पर कृपा करें, उन्नति का मार्ग प्रशस्त करें और उसे उन्नति प्रदान करें. वास्तव में राहु कोई ग्रह नहीं है. ब्रह्मांड में जहां पर पृथ्वी की कक्षा और चंद्रमा की कक्षा आपस में काटती है जैसे सूर्य के चारों ओर पृथ्वी चक्कर लगा रही है और पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा चक्कर लगा रहा है, चक्कर लगाते हुए इसमें दो पाथ कटते हैं, इसमें ऊपर जाता हुआ बिंदु राहु और नीचे जाता हुआ बिंदु केतु होता है. भारतीय ज्योतिष परंपरा में राहु और केतु को ग्रह का स्थान दिया गया है किंतु यह कोई वास्तविक ग्रह नहीं हैं, राहु और केतु तो छाया ग्रह कहे जाते हैं. राहु का रत्न गोमेद है और गोमेद को एक्टिव करने के लिए जीवित कारक को प्रसन्न करना होता है.
राहु किसी को फ्री में कुछ नहीं देते, पहले ले लेते हैं
राहु और गोमेद के बारे में जानने के लिए राहु के स्वभाव के बारे में जानना जरूरी है. राहु कभी किसी को फ्री में कुछ नहीं देता है, पहले उससे कुछ ले लेते हैं तभी देते हैं. वास्तव में राहु गिव एंड टेक रिलेशनशिप में विश्वास रखते हैं यानी एक हाथ दो तो दूसरे हाथ से लो. राहु पापी ग्रह माना जाता है और यह सदैव बलि लेते हैं.
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राहु का संबंध दादा और नानी से है
राहु का सीधा संबंध पितामह यानी दादा और मां के पक्ष में नानी से है, यदि कोई राहु से लाभ लेना चाहता है और इसके लिए गोमेद रत्न को धारण करे. फिर गोमेद को एक्टिव करने के लिए उसे अपने दादा और नानी को खुश करना होगा. उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनके बुढ़ापे की लाठी बन जाइए, यदि वह घर में ही रहते हैं तो रोज उनसे मिलिए चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लीजिए और यदि कहीं दूर रहते हैं तो समय-समय पर मोबाइल फोन से कभी वीडियो कॉल तो कभी रूटीन कॉल करके हालचाल लीजिए. उनकी परेशानियों की चिंता कीजिए और जब मिलने जाइए तो कोई गिफ्ट लेकर जाइए. यदि वह कोई विशेष प्रकार की मिठाई या कोई अन्य चीज पसंद करते हैं तो वह लेकर जाइए और अपने हाथ से खिलाइए.
दादा या नानी जीवित नहीं हैं तो इनको करें खुश
राहु को शनिवत कहा गया है, यानी राहु से जुड़े हुए जीवत कारक दादा अथवा नानी में से कोई भी नहीं हैं तो शनि से जुड़े रिश्ते पर भी ध्यान दे सकते हैं. घर में काम करने वाले सेवक, हाउसकीपिंग या अन्य कामों में सहायता देने वालों को खुश किया जा सकता है, उनको खुश करने से भी राहु प्रसन्न होते हैं और फल देते हैं.
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राहु को प्रसन्न करने का यह भी है उपाय
राहु का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए कुत्ते को रोटी खिला सकते हैं. इसके लिए रोज खाना बनाते समय तवे की आखिरी रोटी को तोड़ कर अलग कर लें और आठ घंटे रखने के बाद यानी बासी होने के बाद उसे ले जाकर कुत्ते को खिला दें तो राहु प्रसन्न होते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)