इस मंदिर में फल-नारियल के बदले प्रसाद में चढ़ाया जाता है लौकी तेंदू की लकड़ी
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रतनपुर में स्थित शाटन देवी (Shatan Devi) मंदिर जिसे बच्चों के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.यहां पर प्रसाद के रूप में लौकी और तेंदू की लकड़ियों का प्रसाद चढ़ाया जाता है.
नई दिल्ली: भारत (India) जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में हर जाति और धर्म (religion) के लोग रहते हैं. हर धर्म जाति की अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों का चलन है. साथ ही कई ऐसी मान्यताएं और प्रथा भी हैं जो सदियों से चली आ रही हैं. जिसे आज भी माना जाता है. देश के कई हिस्सों में कुछ समुदायों के धार्मिक रीति-रिवाज अपने आप में असामान्य हैं जिन पर विश्वास कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. ऐसे अजीबो-गरीब धार्मिक रीति-रिवाज (Interesting Rituals) हैं, जिनके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
शाटन देवी के मंदिर में अलग विधान है
भगवान के प्रसाद में अक्सर लोग चढावे में फल-फूल मिठाई चढ़ाते हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी मंदिर जहां पर थोड़ी अलग परंपरा है. जहां फुल-फल के अलावा कुछ और ही चढ़ाया जाता है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रतनपुर में स्थित शाटन देवी (Shatan Devi) मंदिर है. जिसे बच्चों के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यहां एक अजब गजब परंपरा है. शाटन देवी के मंदिर में अलग विधान है. यहां पर प्रसाद के रूप में लौकी और तेंदू की लकड़ियों का प्रसाद चढ़ाया जाता है. ये मंदिर खास तौर से बच्चों की मन्नत के लिए प्रसिद्ध है.
मन्नतों के लिए यह मंदिर प्रसिद्ध है
भक्त यहां आकर बच्चों की सेहत के लिए प्रार्थना करते हैं और इसके लिए लौकी और तेंदू की लकड़ी चढ़ा कर जाते हैं. मान्यता है कि बच्चों की मन्नतों के लिए यह मंदिर प्रसिद्ध है. भक्त यहां बच्चों के स्वास्थ्य की कामना करते हैं. इस मंदिर की बहुत मान्यता है कहा जाता है इस मंदिर में भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती है. खासकर यहां की ये परंपरा पूरे भारत में विख्यात है.