Gemology: विभिन्न रत्नों का संबंध सीधे ब्रह्मांडीय ग्रहों से होता है. रत्न ग्रहों से संबंधित रश्मियों को लेकर उसे धारण करने के शरीर के भीतर प्रवेशित करते हैं जिससे संबंधित ग्रह की क्षमता बढ़ जाती है. इस लेख में जानिए हीरा और मोती कैसे करता है कार्य.


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हीरा पहनने के लाभ
हीरा को अंग्रेजी में डायमंड कहते हैं, आज कल फैशन और खासतौर पर शादी विवाह आदि समारोह में सोने चांदी के आभूषणों के साथ डायमंड की अंगूठी, लॉकेट, ईयररिंग आदि का चलन बहुत बढ़ा है. माना जाता है कि हीरा धारण करने से धन-धान्य, यश-कीर्ति एवं सुखों में वृद्धि होती है. हीरा के बारे में मान्यता है कि कठोर होने के कारण इसे तोड़ना बहुत मुश्किल होता है. इसके लिए बकरी के दूध को गर्म करने के बाद उसमें कुछ देर के लिए डुबो देने से इसे आसानी से तोड़ा जा सकता है. कहते हैं हीरा धारण करने से युद्ध क्षेत्र में रक्षा ही नहीं होती है बल्कि विजय भी प्राप्त होती है. शरीर में यदि बुखार हो जाए तो हीरा धारण करने वाले से ताप भी दूर रहता है. शुक्र जनित रोगों अथवा नपुंसकता होने पर भी हीरा को धारण करने से लाभ प्राप्त होता है. 


मोती पहनने के लाभ
पर्ल यानी मोती सफेद और चमकीले रंग का होता है. इसमें इंद्रधनुष के सात रंगों की झलक दिखाई देती है, ग्रहों में यह चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए जिन लोगों का चंद्रमा कुछ कमजोर होता है उन्हें पॉवर देने के लिए मोती की अंगूठी पहनाई जाती है. इसे चांदी में धारण करने से मन को शांति और शीतलता प्राप्त होती है. चंद्रमा स्त्री ग्रह होने के कारण इस रत्न को रानी कहा जाता है. मोती प्रोन्नति यानी प्रगति दिलाता है और धारण करते ही अपना फल दिखाने लगता है. बहुत सी आयुर्वेदिक दवाओं में भी मोती भस्म का प्रयोग किया जाता है. पीलापन लिए हुए मोती लक्ष्मीवान, सफेद निर्मल मोती यशवान और नीले रंग का मोती भाग्यवान बनाता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)