कार्तिक महीना शुरू, सूर्योदय से पहले स्नान करने पर मिलेगा 1 हजार गंगा स्नान बराबर पुण्य
Kartik Snan ka Mahatava: 18 अक्टूबर यानी कि आज से कार्तिक महीना शुरू हो गया है. कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले स्नान का बड़ा महत्व है. जानें कार्तिक मास के नियम.
Kartik Month rules: कार्तिक महीना भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का प्रिय महीना है. कार्तिक महीने में गंगा स्नान का बड़ा महत्व है. कार्तिक महीने में गंगा स्नान या पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं, व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा कार्तिक महीने में पूजा-पाठ, जाप, तप, दान भी करना चाहिए. जानिए कार्तिक महीने में क्या करें, क्या ना करें और कार्तिक स्नान से जुड़ी बातें.
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1 हजार गंगा स्नान के बराबर पुण्य
कार्तिक स्नान का महत्व इतना ज्यादा है कि धर्म-शास्त्रों में कार्तिक महीने में सूर्योदय से पहले पवित्र नदियों में किए गए स्नान को 1 हजार गंगा स्नान के बराबर पुण्यदायी माना गया है. इसलिए कार्तिक महीने में काशी, प्रयाग राज जैसे तीर्थ स्थलों पर सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ लगती है. वहीं जो लोग रोजाना नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं, वे घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर पुण्य लाभ ले सकते हैं.
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कार्तिक स्नान के नियम
मान्यता है कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु गंगाजल में वास करते हैं. इसलिए इस महीने में गंगा स्नान करने से मोक्ष प्राप्त होता है. जो लोग कार्तिक स्नान वे ध्यान रखें कि कार्तिक मास में तामसिक चीजों का सेवन ना करें. साथ ही रोजाना तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें और शाम को दीपक जलाएं. इससे अपार धन-वैभव की प्राप्ति होती है. साथ ही स्नान करते समय हाथ में कुशा ले लें, इससे आपको कर्मफल की प्राप्ति होगी.
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कार्तिक मास में क्या करें क्या ना करें
- कार्तिक मास में गरीबों को दान करें. उन्हें अनाज, चावल, दाल, गरम कपड़े, धन आदि का सामर्थ्य अनुसार दान करें.
- कार्तिक मास में दीप दान करने का भी विशेष महत्व है. इसके लिए किसी पवित्र नदी, तालाब आदि के पास जाकर घी का दीपदान करें.
- कार्तिक मास में रोजाना सुबह शाम तुलसी की पूजा करें. घी का दीपक जलाएं.
- कार्तिक मास में नरक चौदस को छोड़कर किसी भी दिन शरीर पर तेल नहीं लगाएं.
- कार्तिक मास में उड़द,, मूंग की दाल, मसूर की दाल, चना दाल, मटर, बैंगन, करेला, दही आदि का सेवन ना करें. मांस मदिरा का सेवन करने की भारी गलती तो बिल्कुल ना करें. नहीं करना चाहिए.
- पति-पत्नी कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)