Shani Amavasya 2021: जानें किस दिन है शनि अमावस्या, इन उपायों से दूर होगी सभी बाधाएं
अगर अमावस्या तिथि शनिवार के दिन पड़े तो उसे शनि अमावस्या कहा जाता है. इस दिन शनि की साढ़ेसाती या ढैया से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए आप कई तरह के उपाय कर सकते हैं. शनि अमावस्या के दिन का क्या है महत्व, यहां जानें.
नई दिल्ली: हिंदू पंचांग (Panchang) के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की अंतिम तारीख को जब चंद्र दर्शन नहीं होते उसे अमावस्या (Amavasya) कहा जाता है. अमावस्या तिथि का हिंदू धर्म शास्त्रों में काफी महत्वपूर्ण स्थान है. अमावस्या को पूर्वजों और पितरों का दिन माना जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर, गरीब और जरूरतमंदों को दान करने की बात कही जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ दोष (Pitra Dosh) से मुक्ति मिलती है. जो अमावस्या शनिवार के दिन पड़ती है उसे शनि अमावस्या कहा जाता है. 13 मार्च शनिवार को है फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या जिसे शनिश्चरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आप कौन-कौन से उपाय कर सकते हैं, यहां जानें.
शनि अमावस्या का महत्व
अगर अमावस्या तिथि शनिवार के दिन पड़े तो उसे शनि अमावस्या (Shani Amavasya) कहा जाता है. शनि से जुड़े किसी भी दोष (शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैया) से पीड़ित व्यक्ति को शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनि से संबंधित वस्तुओं का दान करना बेहतर माना जाता है. ज्योतिष के साथ ही धर्म शास्त्रों की मानें तो शनि से जुड़े दोष (Shani Dosh) की वजह से व्यक्ति कई प्रकार की परेशानियों से घिर जाता है, कार्य में बाधा आती है, कोई काम आसानी से नहीं होता. ऐसे में शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि अमावस्या का दिन बेहद उत्तम माना जाता है. इस दिन पूजा-अर्चना करने से शनि की वक्री दृष्टि कम हो जाती है और श्रद्धालु को लाभ होने लगता है.
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इस दिन है शनि अमावस्या
चूंकि यह फाल्गुन महीने की अमावस्या है और यह शनिवार के दिन पड़ रही है इसलिए इसे फाल्गुन अमावस्या और शनि अमावस्या दोनों ही कहा जाता है.
शनि अमावस्या की तिथि- 13 मार्च 2021 दिन शनिवार
अमावस्या तिथि प्रारंभ- 12 मार्च को दोपहर 03.02 मिनट से
अमावस्था तिथि समाप्त- 13 मार्च को दोपहर 03.50 बजे तक
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शनि अमावस्या के दिन करें ये उपाय
- शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के वृक्ष की पूजा को सबसे उत्तम और फलदायी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिवजी) त्रिदेव का वास होता है. इसलिए शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शनिश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- शनि अमावस्या के दिन शनि के मंत्र "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जाप करें और शनि चालीसा भी पढ़ें. साथ ही किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को खाने पीने की चीजों का दान करें. इससे भी शनि देव प्रसन्न होते हैं.
- शनिवार का दिन शनि देव के साथ ही हनुमान जी का भी दिन होता है इसलिए इस दिन सभी परेशानियों को दूर करने वाले संकटमोचन हनुमान जी की भी पूजा अवश्य करें. बजरंगबली की पूजा करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं.