नई दिल्ली. कई लोगों का स्वभाव (Human Behaviour) ऐसा होता है कि वे आपको हमेशा दुखी (Sad) ही नजर आएंगे. वे आपसे जब भी मिलेंगे तो अपनी किस्मत को कोसेंगे या भगवान को भला-बुरा कहेंगे. इन लोगों का स्वभाव (Human Nature) ऐसा होता है कि इनके साथ अगर कोई खुशी की बात भी होती है तो ये उसमें भी दुख खोज ही लेते हैं. महाभारत (Mahabharat) में ऐसे लोगों के दुख के कई कारण बताए गए हैं.


इन दोषों से ग्रसित मनुष्य हमेशा रहता है दुखी


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महाभारत (Mahabharat) के पांचवे वेद में जीवन जीने की कला का वर्णन किया गया है, जिनको अपनाकर मनुष्य एक सुखी जीवन यापन कर सकता है. साथ ही महाभारत में मनुष्य के स्वभाव से जुड़े कुछ ऐसे दोष (Dosh) बताए गए हैं, जिनकी वजह से वह हमेशा दुखी (Sad) रहता है. महाभारत के अनुसार (Mahabharat Facts) जानिए स्वभाव के किन दोषों से ग्रसित मनुष्य हमेशा दुखी रहते हैं.


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दूसरों से ईर्ष्या करने वाले लोग


महाभारत (Mahabharat) में उल्लेख किया गया है कि जो मनुष्य दूसरों से ईर्ष्या करते हैं और दूसरों के सुख और तरक्की से जलते हैं, वे जीवन में हमेशा दुखी रहते हैं.


क्रोध बनता है दुख की वजह


हमेशा क्रोध (Anger) में रहने वाला व्यक्ति हमेशा दुखी भी रहता है. ऐसे मनुष्य को किसी की भावनाओं (Feelings) की कोई कद्र नहीं होती है. इसकी वजह से एक दिन उसके सारे करीबी उससे दूर हो जाते हैं. साथ ही क्रोधी स्वभाव की वजह से वह कुछ न कुछ गलत कर बैठता है, जिसका पछतावा उसे जीवनभर रहता है.


असंतोष की भावना बनाती है दुखी


कुछ लोगों के पास सब कुछ होता है लेकिन फिर भी उनके अंदर असंतोष (Dissatisfaction) की भावना बनी रहती है. ऐसे मनुष्य हमेशा दुखी (Sad) रहते हैं. किसी और मनुष्य की खुशी देखकर इनके मन में असंतोष की भावना बढ़ जाती है.


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दुखी रहने का कारण है शक


कई लोगों को शक (Doubt) करने की बीमारी होती है. ऐसे मनुष्य किसी भी पर शक करने लगते हैं. साथ ही खुद को सही और दूसरे को गलत मानना इनके स्वभाव में शामिल हो जाता है. ऐसे मनुष्य हमेशा दुखी रहते हैं.


दूसरों की बुराई करने वाले मनुष्य रहते हैं दुखी


कई मनुष्यों को दूसरों की बुराई (Backbiting) करने की आदत होती है. इनको हर किसी की बुराई करने में बहुत आनंद प्राप्त होता है. ऐसे मनुष्यों की समाज में हमेशा आलोचना होती है. ये भी जीवन में हमेशा दुखी रहते हैं.


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