Mangalwar Remedies: मंगलवार को हनुमान जी की आरती करते समय रखें इन खास बातों को ध्यान, सिद्ध होगा हर काज
Hanuman Ji Aarti: मंगवलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है. कहते हैं कि इस दिन विधि विधान से की गई पूजा-पाठ के साथ अगर विधिपूर्वक आरती की जाए, तो हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं.
Hanuman Jayanti 2023: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सभी देवी-देवताओं को सप्ताह के अलग-अलग दिन समर्पित है. उसी प्रकार हनुमान जी को सप्ताह का दूसरा दिन मंगलवार समर्पित है. इस दिन किए गए पूजा-पाठ और उपासना का विशेष और जल्दी फल मिलता है. वहीं, इस साल 6 अप्रैल के दिन देशभर में हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये दोनों ही दिन हनुमान जी की पूजा के लिए बेहद खास हैं. इस दिन पूजा-पाठ के बाद हनुमान जी की आरती करने से ही पूजा को पूर्ण माना जाता है. साथ ही, कहते हैं कि अगर संकटमोटन की आरती इन दिनों में विधिपूर्वक की जाए, तो हनुमान जी प्रसन्न होकर भक्तों पर खूब कृपा बरसाते हैं. हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र और स्तुतियों की रचना की गई है. लेकिन हनुमान जी की आरती सिफ एक हैं. तो चलिए जानते हैं हनुमान जी की आरती करते समय किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए.
हनुमान जी की आरती के समय रखें इन बातों का ध्यान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हनुमान जी की आरती करते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है. अगर संभव हो तो बजरंगबली की आरती 11 शुद्ध देसी घी के दीपक से करनी चाहिए. इसके बाद हनुमान जी की कर्पूर आरती भी करें. आरती पर जल से छीटें दें. इसे आरती ठंडी करना कहा जाता है. आरती करने के बाद सबसे पहले आरती हनुमान जी को दें और उसके बाद ही भक्तों को दें. इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होगा. और बजरंगबली की कृपा प्राप्त होगी.
हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे। रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई। संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
लंका जारि असुर संहारे। सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे। लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें। जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे। बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई। तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)