मौनी अमावस्या के दिन हुआ था मनु ऋषि का जन्म, जानें स्नान-दान का महत्व, मुहूर्त
Mauni Amavasya: Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या को विशेष माना गया है. इस बार मौनी अमावस्या पर कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. इस दिन किया गया स्नान-दान, व्रत कई गुना फल देगा.
Mauni Amavasya Snan Daan: माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं. इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था. साथ ही माघी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का बड़ा महत्व है. इस साल मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि जब भी मौनी अमावस्या सूर्य के मकर राशि में रहने पर पड़ती है, तब सूर्य और चंद्रमा एकसाथ मकर राशि में होते हैं. इस बार यह योग भी बन रहा है. मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान करने का बड़ा महत्व है. ऐसा करने से बहुत पुण्य मिलता है.
कब है मौनी अमावस्या?
पंचांग के अनुसार 9 फरवरी शुक्रवार की सुबह 7:23 मिनट से मौनी अमावस्या तिथि शुरू हो रही है, जो शनिवार 10 फरवरी की सुबह 4:28 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार, मौनी अमावस्या 10 फरवरी को रहेगी. लेकिन पूरी तिथि 09 फरवरी को मिल रही है. लिहाजा व्रत रखने के लिए मौनी अमावस्या 9 फरवरी को मानी जाएगी. वहीं स्नान-दान और तर्पण के लिए मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त 10 फरवरी को रहेगी. इस दिन सुबह 07 बजे से रात 11 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा. इस योग में पूजा करना बहुत लाभ देता है.
मौनी अमावस्या का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार महान ऋषि मनु का जन्म मौनी अमावस्या के दिन ही हुआ था. साथ ही मौनी अमावस्या के दिन दान, पुण्य, पूजन और स्नानादि का शीघ्र फल मिलता है. इस दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. यदि ऐसा संभव ना हो तो घर पर ही नहाने के पानी में कुछ बूंदे गंगाजल की मिलाकर स्नान करें. मौनी अमावस्या के दिन दान अवश्य करें. इस दिन तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, वस्त्र दान करना बहुत पुण्यदायी माना गया है. माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन से ही कलियुग का आगमन हुआ था. इसलिए कलियुग के प्रभाव से बचने के लिए गंगा स्नान किया जाता है और मौन व्रत रखा जाता है.
मौनी अमावस्या के उपाय
धर्म के लिहाज से तो मौनी अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण है. साथ ही ज्योतिष की नजर से भी मौनी अमावस्या का बड़ा महत्व है. जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह पीड़ित है या कमजोर है, उन लोगों को मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखना चाहिए. साथ ही तुलसी के पौधे का पूजन करना चाहिए और तुलसी की पत्तियों का सेवन करना चाहिए.
इसके अलावा मौनी अमावस्या के दिन किन्नरों को हरी चूड़ियां और हरे रंग की साड़ी का दान करने से भी कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होकर शुभ फल देने लगता है. बुध ग्रह धन, व्यापार, वाणी का कारक है. वहीं कुंडली में चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने से लाभ होगा. चंद्रमा मन का कारक है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)