Margashirsh Pradosh Vrat 2022: हर माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 दिसंबर, सोमवार के दिन पड़ रही है. इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महादेव को प्रसन्न करने और जल्द कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत रखने की सलाह दी जाती है. कहते हैं कि भोलेनाथ को प्रदोष व्रत अति प्रिय है. 


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इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की उपासना करने से वे जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी दुख दूर कर देते हैं. मान्यता है कि भोलेनाथ एक ऐसे देवता हैं, जो देवी-देवता, असुर, ऋषि, दैत्य आदि सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. कहते हैं कि अगर सच्चे मन से अगर शिव जी की आराधना की जाए, तो फल जरूर प्राप्त होते है. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष माह के दूसरे प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त और महत्व.


मार्गशीर्ष सोम प्रदोष व्रत 2022


पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 दिसंबर 2022 सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर शुरू हो रही है और अगले दिन 06 दिसंबर सुबह 6 बजकर 47 मिनट पर समापन होगा. कहा जाता है कि भोलेनाथ की आराधना प्रदोष काल में करना ही शुभ माना जाता है. कहते हैं कि इस समय भगवान शिव प्रसन्न मुद्रा में कैलाश पर रजत भवन में नृत्य करते हैं. 


प्रदोष काल के पूजा का मुहूर्त- शाम 5 बजकर 33 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट तक है. 


सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि 


- शास्त्रों के अनुसार शादी के योग्य लड़के-लड़कियों के विवाह में अगर देरी हो रही है, तो उन्हें प्रदोष व्रत के दिन महादेव का रुद्राभिषेक करना चाहिए.


-  अगर आप संतान सुख से वंचित हैं और संतान की इच्छा रखते हैं तो प्रदोष व्रक के दिन पंचगव्य से महादेव का अभिषेक करवना चाहिए. ऐसा करने से शिव-पार्वती की कृपा प्राप्त होती है और जल्द ही महिलाओं की सूनी गोद भर जाती है.


-  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग का बेलपत्र से ऋंगार करने से वैवाहिक जीवन में सुखों की प्राप्ति होती है.  


- जाने-अनजाने हुए पापों से मुक्ति के लिए प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय आटे का पांच मुखी घी का दीपक जलाएं. साथ ही इस मंत्र का जाप करें- करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं । विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ।। इससे व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का विकास हो जाती है. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)