Margashirsha Month 2024 Niyam: हिंदू पंचांग में नौवां महीना मार्गशीर्ष होता है. वर्ष के सभी 12 महीनों में इसे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. कहते हैं कि इस महीने का संबंध भगवान कृष्ण से है. इस महीने के दौरान वे पृथ्वी पर मौजूद रहते हैं और लोगों के संकट हरते हैं. अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से देखें तो हर साल नवंबर-दिसंबर के मध्य में यह महीना आता है. इस वर्ष 16 नवंबर से इस महीने की शुरुआत हो चुकी है और समापन 24 दिसंबर को होगा. आइए आपको बताते हैं कि इस महीने क्या करना चाहिए और क्या नहीं. 


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मार्गशीर्ष महीने में क्या न करें?


मार्गशीर्ष महीना भगवान श्रीकृष्ण की आराधना में समर्पित अत्यंत पवित्र माह है. लिहाजा इस महीने कोई भी अपवित्र या अनैतिक कार्य करने से बचना चाहिए. 


इस पावन महीने में आप वासना जनित विचारों को किसी भी हाल में खुद पर हावी न होने दें. ऐसे विचारों से बचने के लिए आप ध्यान-योग का सहारा लें. 


मन में न आने दें नकारात्मक विचार


इस महीने में जीरे का सेवन करना वर्जित माना जाता है. साथ ही आप नकारात्मक विचारों, कटु वाणी और क्रोध से भी खुद को बचाकर रखें. साथ ही प्रभु भक्ति में ज्यादा से ज्यादा समय लगाएं. 


मार्गशीर्ष महीने में कई विशेष व्रत आते हैं. इन व्रतों को रखने वाले लोगों को उनके नियमों का पालन करना चाहिए. साथ ही किसी भी तरह की भूल करने से बचना चाहिए. 


मार्गशीर्ष महीने में क्या करना चाहिए? 


मार्गशीर्ष महीने में आपको रोजाना ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद घर के मंदिर में आप देवी-देवताओं की पूजा करके रामचरितमानस और भागवतगीता जैसी धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें. ऐसा करने से आप पर भगवान कृष्ण का आशीर्वाद बरसेगा. 


यह महीना भगवान कृष्ण की आराधना के लिए समर्पित हैं. भगवान कृष्ण, भगवान विष्णु के ही मानव अवतार हैं. इसलिए आप भगवान कृष्ण के साथ ही मां लक्ष्मी की भी पूजा-अर्चना करें. ऐसा करने से आपको हर कार्य में सफलता मिलती है. 


दान-पुण्य करना माना जाता है शुभ


इस महीने में दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है. आप अपनी क्षमता के अनुसार भोजन, कंबल, अन्न, जल का कलश समेत कई चीजों का जरूरतमंदों को दान कर सकते हैं. इस महीने घी, दूध और अन्न का सेवन भी जरूर करना चाहिए. 


मार्गशीर्ष के महीने में योग-ध्यान जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है. इससे बौद्धिक क्षमता मजबूत होती है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)