Golden River: Jharkhand की इस नदी में बहता है सोना, इसी से गुजर-बसर करते हैं कई परिवार
झारखंड (Jharkhand) के रत्नगर्भा में स्वर्ण रेखा (Subarnarekha River) नाम की नदी बहती है. इस नदी में से सोना (Gold) निकाला जाता है. ऐसा सैकड़ों वर्षों से हो रहा है और कई परिवारों की गुजर-बसर इसी सोने से होती है.
नई दिल्ली. भारत में एक ऐसी नदी है, जिसमें से सोना (Gold) निकलता है. आप हमारी बात सुनकर हैरान रह गए न? लेकिन यह बात पूरी तरह से सच है. सोने की इस नदी (Golden River) की रेत में से सालों से सोना निकाला जा रहा है. यहां के लोग नदी से सोना निकालकर अपनी गुजर-बसर करते हैं.
स्वर्ण रेखा नदी में मिलता है सोना
झारखंड (Jharkhand) के रत्नगर्भा में स्वर्ण रेखा नाम की नदी बहती है. इस नदी में से सोना (Gold) निकाला जाता है. यह नदी झारखंड, पश्चिम बंगाल (West Bengal) और ओडिशा (Odisha) के कुछ इलाकों में भी बहती है. कुछ जगहों पर इस नदी को सुबर्ण रेखा (Subarnarekha River) के नाम से भी जाना जाता है.
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474 किलोमीटर लंबी है स्वर्ण रेखा नदी
स्वर्ण रेखा नदी दक्षिण-पश्चिम में स्थित नगड़ी गांव में रानी चुआं नाम की जगह से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है. इस नदी की कुल लंबाई 474 किलोमीटर है.
सोने के कणों से बना हुआ है रहस्य
स्वर्ण रेखा और उसकी सहायक नदी करकरी में सोने के कण पाए जाते हैं. लोगों का मानना है कि सोने के कण (Gold) करकरी नदी से बहकर ही स्वर्ण रेखा नदी में पहुंचते हैं. करकरी नदी 37 किलोमीटर लंबी है. आज तक यह रहस्य ही बना हुआ है कि इन दोनों नदियों में सोने के कण आते कहां से हैं.
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स्थानीय आदिवासी निकालते हैं सोना
झारखंड (Jharkhand) में नदी के पास रहने वाले लोग रेत को छानकर सोने (Gold) के कणों को इकट्ठा करते हैं. यहां का एक व्यक्ति महीने में 70 से 80 सोने के कण इकट्ठा कर पाता है. सोने के इन कणों का आकार चावल के दाने जितना होता है. यहां के आदिवासी लोग बारिश के मौसम के अलावा पूरे साल यह काम करते हैं.