Navratri 2022 Maa Kushmanda: नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि के चौथे दिन मां शक्ति के रूप देवी कूष्मांडा (Ma Kushmanda) की पूजा की जाती है. मान्यता है कि जो भी इंसान मां की भक्ति भाव से पूजा करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. शारदीय नवरात्रि आने वाले हैं. ऐसा माना जाता है कि आठ भुजाओं वाली मां कूष्मांडा भक्तों के सारे दुख और कष्टों का नाश करती हैं. मां ने अपनी मंद मुस्कान से सृष्टि की रचना की थी, इसलिए उनको सृष्टि की आदिशक्ति भी कहा जाता है.


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ऐसे पड़ा मां का नाम


मंद हंसी द्वारा अण्ड अर्थात ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने के कारण ही, इन्हें मां कूष्मांडा नाम से जाना जाता है. कुम्हड़े को कूष्मांड कहा जाता है, इसलिए मां को कूष्मांडा कहा जाने लगा. मान्यता है कि जब सृष्टि का कोई अस्तित्व नहीं था. हर जगह अंधकार व्याप्त था. तब मां  ने ही ब्रह्माण्ड की रचना की थी. इनकी आठ भुजाएं हैं. जिनमें ये कमंडल, धनुष-बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र, गदा और जपमाला थामे रहती हैं.


असुरों को सबक सिखाने के लिए लिया जन्म


पराणिक कथाओं के अनुसार,  मां कूष्मांडा का अवतार दैत्यों का संहार करने के लिए हुआ था. कूष्मांडा का अर्थ कुम्हड़ा होता है. मां की वाहन सिंह है. जब तीनों लोकों पर असुरों का आतंक बढ़ गया था, तब उनको सबक सिखाने के लिए ही मां कूष्मांडा ने जन्म लिया था.


ऐसे करें पूजा


सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें. इसके बाद स्नान कर सफेद वस्त्र धारण करें. सूर्य भगवान को जल अर्पित कर व्रत का संकल्प लें. कलश पूजा करने के बाद ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आह्वान करें. इसके बाद मां कूष्मांडा को फूल और माला चढ़ाएं. मां की कथा सुनें और मंत्रों का जाप करें.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)