Mahaashtami 2023: दुर्गा अष्टमी के दिन कर लें ये महाउपाय, हर संकट से मिल जाएगी मुक्ति
Durga Ashtami 2023: वैसे तो नवरात्रि का समापन राम नवमी के दिन होता है. लेकिन कुछ लोग नवरात्रि व्रत का समापन अष्टमी के दिन भी करते हैं. जानें इस दिन किए गए उपाय व्यक्ति को संकटों से निकलने में कैसे मदद करते हैं.
Chaitra Navratri Ashtami 2023: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. सालभर में चार बार मां दुर्गा के नवरात्रि मनाए जाते हैं. इनमें से चैत्र माह के नवरात्रि अभी चल रहे हैं. 22 मार्च से चैत्र माह के नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में इनका समापन अष्टमी और नवमी तिथि के दिन किया जाता है. ऐसे में नवरात्रि की महाअष्टमी का विशेष महत्व है. इस दिन मां दुर्गा के 8वें स्वरूप मां महागौरी की पूजा का विधान है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसे बेहद शुभ दिन माना जाता है. अक्सर लोग इस दिन भी व्रत का पारण करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार अष्टमी तिथि 29 मार्च 2023 बुधवार के दिन अष्टमी पूजन किया जाएगा. इस दिन किए गए कुछ उपाय व्यक्ति को संकटों से बचाते हैं और उनके दुख दूर करने में मदद करते हैं.
दुर्गा अष्टमी के दिन करें ये काम
हवन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवरात्रि के व्रत का पारण लोग अपने अनुसार सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि के दिन करते हैं. अष्टमी तिथि के दिन पारण करने पर लोग इस दिन हवन करवाते हैं. अष्टमी के दिन हवन करवाना शुभ माना गया है. इससे घर में संकटों का नाश होता है.
कन्याओं को भोजन
व्रत का समापन होने पर जब उद्यापन किया जाता है, तो कन्या भोज कराया जाता है. अष्टमी तिथि के दिन 9 कन्याओं को भोजन कराने के बाद छोटी कन्याओं को छोटे-छोटे पर्स में दक्षिणा रखकर लाल रंग के गिफ्ट कागज में लपेट कर देने से लाभ होता है.
संधि पूजा है जरूरी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अष्टमी तिथि के दिन मां भगवती की प्रातः आरती, दोपहर आरती, संध्या आरती और संधि आरती करनी चाहिए. संधि आरती अष्टमी तिथि के समापन और नवमी तिथि के प्रारंभ में की जाती है.
लाल चुनरी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन मां को लाल रंग की चुनरी अर्पित की जाती है. ऐसे में अगर चाहें तो लाल रंग की चुनरी में पूजा के दौरान 5 प्रकार के सूखे मेवे लाल रंग की चुनरी में रख कर मां को अर्पित कर दें.
लाल झंडा
महाअष्टमी के दिन देवी जी के मंदिर में लाल रंग का ध्वज अर्पित करना चाहिए. अगर आप चाहें तो गुंबद पर भी लगा सकते हैं.
मां भगवती को लगाएं भोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महाअष्टमी के दिन माता के मंदिर में जाकर लाल चुनरी में मखाने, बताशे के साथ सिक्के मिलाकर देवी जी को अर्पित कर दें. साथ ही, मां को मालपुए और खीर का भोग लगाएं.
शनि से मुक्ति के लिए करें ये काम
मान्यता है कि अष्टमी और नवमी तिथि पर शनि का भी प्रभाव रहता है. ऐसे में इस दिन मां भगवती की आराधना करने से शनि के प्रभाव कम हो जाती हैं और मां रक्षा करती हैं.
सुहागिनों को दें ऋंगार का सामान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सुहागिन महिलाएं स्त्रियों को सुहाग का सामान दान करें. इस दिन स्त्री को चांदी की बिछिया,कुमकुम से भरी चांदी की डिबिया, पायल, अंबे माता का चांदी का सिक्का और अन्य ऋंगार की सामग्री भेंट करने स लाभ होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)