Pitra Dosh ke Upay: हिंदू धर्म में पूर्वजों को बहुत महत्‍व दिया गया है. इसलिए उनकी आत्‍मा की शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान जैसे अनुष्‍ठान किए जाते हैं. हर महीने पड़ने वाली अमावस्‍या तिथि के अलावा पितृ पक्ष के 15 दिन पितरों को ही समर्पित किए गए हैं. इस समय में पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए और पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान, दान-पुण्‍य आदि करना चाहिए. वरना पितरों की नाराजगी जीवन में कई कष्‍ट देती है. वहीं कुंडली में पितृ दोष का होना कई समस्‍याएं देता है इसलिए ज्‍योतिष में पितृ दोष निवारण के उपायों को जल्‍द करने की सलाह दी जाती है. 


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पितृ दोष के लक्षण 


- यदि कुंडली में पितृ दोष हो तो जातक को अपने जीवन में कई कष्‍ट झेलने पड़ते हैं. पितृ दोष के कारण शादी में बाधा आती है. उसके विवाह में देरी होती है. 


- पितृ दोष धन हानि और तरक्‍की में रुकावट का कारण भी बनता है. व्‍यक्ति तमाम कोशिशों के बाद भी मनचाही सफलता नहीं पा पाता है. पितरों की नाराजगी उसे कंगाली की ओर धकेल देती है. पूरा परिवार आर्थिक तंगी और अभावों में जीवन बिताता है. 


- पितृ दोष के कारण वंश वृद्धि रुक जाती है. संतान प्राप्ति में बाधा आती है या संतान राह भटक जाती है. 


- पितृ दोष घर में झगड़े-कलह का कारण भी बनता है. यदि बार-बार बिना कारण के घर में झगड़े हों तो यह पितरों की नाराजगी का इशारा है. ऐसी स्थिति में उपाय कर लेना चाहिए. 


- पितृ दोष हो तो परिवार के सदस्यों के बीच तनाव रहता है. साथ ही कोई न कोई सदस्य अक्‍सर बीमार रहता है. 


- पितृ दोष हो तो जातक को रोजगार में बाधा आती है. 


पितृ दोष निवारण के सरल उपाय


- पितृ दोष से निजात पाने के लिए पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं.
- पितृ दोष से राहत पाने के लिए जल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा में अर्घ्य दें.
- पितृ दोष को दूर करने के लिए गरीबों को दान-पुण्‍य करें. अमावस्‍या और पितृ पक्ष में श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म करें. इससे पितृ प्रसन्‍न होंगे. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)