Pitru Paksha Swapan Dosh: पितृ पक्ष में पूर्वजों को याद किया जाता है. पितृपक्ष एक ऐसा समय है जब हिंदू धर्म के अनुयायी पूर्वजों को श्रद्धा और आदर से याद करते हैं. यह 15 दिनों का समय होता है जो भाद्रपद माह की पूर्णिमा से शुरू होता है और आश्विन मास की अमावस्या पर समाप्त होता है. इस साल, पितृपक्ष 29 सितंबर को प्रारंभ हो चुका है और 14 अक्टूबर को समाप्त होगा. इस दौरान लोग पूर्वजों के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. इससे पितृ लोक में निवास करने वाले पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. वे परिवार को आशीर्वाद देते हैं. इस समय लोग व्रत रखते हैं, ब्राह्मणों को दान देते हैं. अपने पूर्वजों के पसंदीदा खाने बनाते हैं. पितृ पक्ष का महत्व पूर्वजों से जुड़े ऋण को चुकता करने और उनके प्रति सम्मान जताने में है.


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पूर्वजों को सपनों में देखना
पितृपक्ष के दौरान, कई लोग अपने पूर्वजों को सपनों में देखते हैं. स्वप्न शास्त्र के अनुसार, इन सपनों में छुपे हुए संदेश होते हैं. यदि आप अपने पूर्वज को स्वयं के बहुत करीब महसूस करते हैं, तो यह संकेत होता है कि वह आपसे कुछ बात करना चाहते हैं या उनकी आत्मा को शांति की जरूरत है. ऐसे में, आपको अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष प्रयास करना चाहिए.


सपनों को संकेत
यदि आपको बार-बार पूर्वजों के संबंधित सपने आते हैं, तो यह इशारा करता है कि वह आपसे कुछ कहना चाहते हैं या उनकी कोई इच्छा अधूरी रह गई है. यदि आपके सपने में पूर्वज प्रसन्न मुद्रा में दिखाई देते हैं, तो यह शुभ संकेत माना जाता है. इसका मतलब है कि आपके पूर्वज आपसे संतुष्ट हैं और उन्होंने आपकी पूजा-अर्चना को स्वीकार किया है. स्वप्न शास्त्र के अनुसार, यदि पूर्वज शांत मुद्रा में दिखाई देते हैं, तो यह भी शुभ संकेत माना जाता है. इससे यह स्पष्ट होता है कि पूर्वज आपसे संतुष्ट हैं और जल्द ही आपको कुछ अच्छा होने वाला है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)