रोज पूजा में धूनी देने वाले भी नहीं जानते होंगे ये बात, जरूर जान लें!
Types Of Dhuni : सनातन धर्म में घर में पूजा-पाठ के दौरान धूप-दीप करना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. लेकिन रोजाना धूनी करने वाले भी इसके प्रकारों और उनसे होने वाले लाभ के बारे में नहीं जानते हैं.
Astro Tips of Dhuni : पूजा-पाठ बिना धूप या धूनी के अधूरी मानी जाती है. इसलिए लोग घर की नियमित पूजा में भी धूप या धूनी जरूर करते हैं. साथ ही पूरे घर में धूनी देते हैं. इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. लोग अपनी दुकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान में भी धूनी देते हैं, ताकि वातावरण शुद्ध और सकारात्मकता का संचार होता है. बुरी नजर नहीं लगती है. हालांकि ये बात कम ही लोग जानते हैं कि धूनी कितने प्रकार की होती हैं और कब कौनसी धूनी देनी चाहिए.
धूनी के प्रकार और उनके लाभ
लोबान की धूनी: हिंदू धर्म तो छोडि़ए इस्लाम में भी लोबान की धूनी का बड़ा महत्व है. लोबान की धूनी पूरे माहौल को अपनी खुशबू से महका देती है. साथ ही माना जाता है कि लोबान जलाने से रूहानी या पारलौकिक शक्तियां आकर्षित होती हैं. इसलिए जाप आदि के समय लोबान की धूनी की जाती है, इसे सुलगते हुए कंडे या अंगारे पर रखकर जलाया जाता है.
नीम के पत्ते की धूनी: नीम को आयुर्वेद में बहुत महत्व दिया गया है, कई तरह की बीमारियों में और सेहत-त्वचा को बेहतर करने में नीम का उपयोग होता है. नीम की पत्तियों और सूखी टहनियों को जलाने से हानिकारक बैक्टीरिया खत्म होते हैं. नकारात्मकता खत्म होती है.
दशांग फूल की धूनी: जब चंदन, कुष्ठ, नखल, राल, गुड़, शर्करा, नखगंध, जटामांसी, लघु और क्षौद्र को बराबर मात्रा में मिलाकर जलाया जाता है तो उसे दशांग फूल की धूनी कहते हैं. इस धूप को घर में जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है.
कपूर और लौंग: पूजा पाठ में कपूर जलाना आम बात है. आमतौर पर आरती के समय कपूर जलाकर उससे आरती की जाती है. वास्तु दोष दूर करने के लिए कपूर और लौंग की धूनी को बहुत प्रभावी माना गया है. रोज सुबह-शाम कपूर-लौंग की धूनी करने से घर में हमेशा सकरात्मकता, खुशहाली और समृद्धि रहती है.
गुग्गल की धूनी: गुग्गल की धूनी सबसे ज्यादा प्रचलन में रहती है. दीपावली के दिन गुग्गल की धूनी पूरे घर में देना बेहद शुभ माना जाता है. जिन घरों में झगड़े-कलह होते हों, घर के लोग तनाव के शिकार रहते हों वहां नियमित तौर पर या हफ्ते में कम से कम 2 बार गुग्गल की धूनी जरूरी करनी चाहिए. इससे पुराने विवाद तक खत्म हो जाते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों ऐपर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)