Apsara: दिव्य रूप की मल्लिका इस अप्सरा पर मोहित थे देवता-असुर, हर कोई चाहता था अपना बनाना
Apsara meaning: आपने बचपन से ही अप्सराओं के बारे में सुना होगा. इनकी कहानियों को पढ़कर लोग बड़े हुए हैं. इन अप्सराओं को अद्धितीय रूप की स्वामिन माना जाता था. इनका रूप ऐसा था कि हर कोई मोहित हो जाता था.
Rambha Apsara: हिंदू पौराणिक मान्यताओं और ग्रंथों में अप्सराओं के बारे में बहुत सी कथाएं प्रचलित हैं. इन अप्सराओं का रंग और रूप हर किसी को मोहित कर देने वाला होता था. इनकी सुंदरता के आगे हर खूबसूरत महिला फेल हो जाती थी. आपके जुबान पर कई अप्सराओं का नाम भी रट चुका होगा, जैसे-रंभा, मेनका, उर्वशी आदि. इन सभी अप्सराओं में सबसे ज्यादा फेमस रंभा थीं. उनका सौंदर्य देखकर देवता से लेकर असुर तक मोहित हो जाते थे. उन्हें हर कोई अपना बनाना चाहता था.
सौंदर्य का प्रतीक
अप्सराएं वैसे तो देवलोक में वास करती थीं, लेकिन कुछ श्राप के कारण धरती पर रहती थीं. रंभा को सौंदर्य का प्रतीक माना गया है. ऐसी मान्यता है कि जब समुद्र मंथन हो रहा था, तब रंभा की उत्पत्ति हुई थीं. इनका निवास स्थान अन्य अप्सराओं के साथ देवराज इंद्र की सभा में बना. कहते हैं कि इनका विवाह कुबेर के पुत्र नलकुबेर से हुआ था.
रावण भी हुआ मोहित
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार धन के देवता कुबेर के महल के आगे से रावण गुजर रहा था. इस दौरान उन्होंने सौंदर्य की देवी रंभा को देखा. उनका पूरा शरीर रात के अंधेरे में चांद की तरह चमक रहा था. ऐसी सुंदर स्त्री रावण ने पहले कभी नहीं देखी थी. उनका रूप देखकर रावण रंभा पर मोहित हो गया. जब रावण ने रंभा को पाने की इच्छा जाहिर की, तब रंभा ने कहा कि वह उनकी पुत्रवधू लगती हैं. इसके बाद भी रावण नहीं माना तो रंभा ने श्राप देते हुए कहा कि अगर वह किसी स्त्री को उसकी इच्छा के बगैर हाथ लगाएगा तो उसके 10 सिर उसी क्षण फट जाएंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों ऐपर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)