Sanwariya Seth Chadhava: चित्तौड़गढ़ के मंडफिया स्थित मेवाड़ के कृष्णधाम श्री सांवलिया सेठ के मंदिर की प्रसिद्धि दिनो दिन बढ़ती जा रही है. ठाकुरजी के भक्तों ने इस बार मंदिर में रिकॉर्ड तौड़ करीब 35 करोड़ रुपए, ढाई किलोग्राम सोना और 2 क्विंटल चांदी चढावें के रूप में चढ़ाई है. रिकॉर्ड तोड़ चढावें को देखते हुए मंदिर मंडल के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में हर्ष की लहर दिखाई दे रही है.


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चित्तौड़गढ़ ज़िला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर मंडफिया स्थित सांवलिया सेठ का मंदिर देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक बनाता जा रहा है. दिनोदिन भगवान सांवलिया सेठ मंदिर की बढ़ती प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक साल मंदिर में चढावे की राशि के मुकाबले इस बार करीब दो से ढाई गुना तक बढ़ गई है. कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अवसर पर 30 नवंबर को आयोजित दो दिवसीय मासिक मेले के पहले दिन ठाकुर जी की राजभोग आरती के बाद सांवलिया सेठ के दानपात्र खोले गए थे और दानपात्र में प्राप्त राशि की गणना शुरू की गई. आठ दिनों में कुल 6 चरणों में अंतिम दिन शुक्रवार शाम को मंदिर के दानपात्रों, भेंट कक्ष में नगद और ऑनलाइन प्राप्त राशि की गणना के अलावा प्राप्त सोने चांदी के तोल की प्रक्रिया पूरी हुई. गणना के आखरी दिन मंदिर के गर्भ गृह परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिर मंडल समिति, बैंक कर्मियों सहित कुल 125 लोग गणना में शामिल हुए. गणना के दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियों रिकॉर्डिंग की गई. शाम 5 बजे गणना पूरी होने के बाद चढावें के रूप में प्राप्त राशि और सोने चांदी के वजन का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया गया.


चढ़ावे में सोने-चांदी के अलावा विदेशी करेंसी भी


बताया जा रहा है कि पहली बार सांवलिया सेठ मंदिर में रिकॉर्ड तोड़ राशि और सोना-चांदी के अलावा विदेशी करेंसी प्राप्त हुई है. मंदिर मंडल समिति ने बताया कि भक्तों ने इस बार ठाकुर जी को चढावें के रूप में 34 करोड़ 91 लाख 95 हजार 68 रुपए प्राप्त हुए हैं. इसमें से 9 करोड़ 30 लाख 27 हजार 427 रुपए ऑनलाइन और मनी ऑर्डर के रूप में प्राप्त हुए है. इसी तरह भक्तों की ओर से 20 लाख रुपए इंडियन रूपीज़ कीमत के अमेरिकन डॉलर सहित करीब 12 देशों की विदेशी करेंसी ठाकुरजी को चढाई गई है. वहीं, 2 किलो 794 ग्राम 560 मिलीग्राम सोना और करीब दो क्विंटल, यानी 200 किलोग्राम चांदी सांवलिया सेठ को चढ़ाई है. नगदी और ऑनलाइन चढावे के अलावा सांवलिया सेठ को भक्तों ने एक किलोग्राम और 100-100 ग्राम के सोने के 6 बिस्किट भी चढाए गए हैं. चांदी के यूनिक आईटम में भक्तों की ओर से चांदी से निर्मत बंदूक, हथकड़ी, मोटर गाड़ी की डिजाइन में बनी वस्तुए चढ़ाई हैं.


कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर होगी है चढ़ावे की गिनती


बता दें कि सांवलिया सेठ मंदिर में हर महीने कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के मौके पर मासिक मेले का आयोजन होता है. मेले के पहले दिन ठाकुरजी की राजभोग आरती के बाद मंदिर में लगे दानपात्र खोले जाते हैं. साल में केवल दो बार दीपावली और होली त्यौहार होने की वजह से दानपात्र दो महीने और डेढ़ महीने बार खोला जाता है. पिछले महीने दीपावली की वजह से मंदिर में लगे दानपात्र नहीं खोले गए. बड़ी बात ये रही कि पहली बार ऐसा हुआ जब मंदिर में रखे दोनों दानपात्र भर गए और मंदिर मंडल समिति को अतिरिक्त दो दानपात्र मंदिर में लगवाने पड़े. दो महीनों बाद मंदिर के चारों दानपात्र खोले गए और 8 दिनों में कुल 6 राउंड में दानपात्रों में प्राप्त राशि की गणना की गई.


देशी भक्तों में बड़े बिजनेसमैन सांवलिया 


भगवान सांवलिया सेठ को कई श्रद्धालु अपना बिजनेस पार्टनर भी बनाते है और बिजनेस पार्टनरशीप के एग्रीमेंट में भगवान सांवलिया सेठ का नाम दर्ज करवाते है. एग्रीमेंट में बिजनेस प्रॉफिट में सांवलिया सेठ के साथ 5 फीसदी से लेकर 50 फीसदी हिस्सेदारी तय की जाती है. सांवलिया सेठ के भक्तों में किसान, बिजनसमैन से लेकर डोडा चूरा तस्कर और आपराधिक प्रवृत्ति में शामिल हैं. देशी भक्तों में बड़े बिजनेसमैन सांवलिया सेठ को नगदी, सोने-चांदी के बिस्किट, आभूषण आदि वस्तुएं चढ़ाते है. वहीं, ठाकुरजी के किसान भक्त सांवलिया सेठ को चांदी से बने कृषि उपकरण, ट्रैक्टर, गेंहू की बाली और हरी मिर्च की डिजाइन में बनी वस्तुए चढ़ाते हैं, तो वहीं अफीम डोडा तस्कर भगवान सांवलिया सेठ को चांदी से निर्मित बंदूक, हथकड़ी जैसी वस्तुएं चढ़ाते हैं. सेठों के सेठ सांवलिया सेठ भी बड़े कृपालु है. वे अपने भक्तों में किसी तरह का भेदभाव नही करते और सबकी मन्नते पूरी करते हैं.