Saphala Ekadashi 2021 Date: कब है सफला एकादशी? जानिए तिथि, महत्व एवं पूजन विधि
सफला एकादशी नए वर्ष 2021 (Saphala Ekadashi 2021) की पहली एकादशी है. सफला एकादशी 9 जनवरी यानी शनिवार (Saphala Ekadashi 2021 Date) को है. पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2021 Date) कहा जाता है.
नई दिल्ली: नए वर्ष 2021 की पहली एकादशी (Saphala Ekadashi 2021 Date) 09 जनवरी यानी शनिवार को है. इस दिन सफला एकादशी मनाई जाएगी. हिंदी पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को ही सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2021) कहा जाता है. सफला एकादशी का व्रत (Saphala Ekadashi Vrat) करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
सफला एकादशी 2021
सफला एकादशी का व्रत (Saphala Ekadashi Vrat) तथा विधि-विधान से भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कार्य सफल होते हैं, इच्छाएं पूर्ण होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस खास दिन पर सफला एकादशी व्रत की कथा (Saphala Ekadashi Vrat Katha) सुनना भी महत्वपूर्ण होता है.
सफला एकादशी व्रत मुहूर्त
पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि (Saphala Ekadashi 2021 Vrat Muhurat) का प्रारंभ 08 जनवरी, शुक्रवार को रात 09 बजकर 40 मिनट पर हो रहा है. यह एकादशी (Ekadashi 2021) 09 जनवरी शनिवार को शाम 07 बजकर 17 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि 09 जनवरी को होगी. इसलिए सफला एकादशी व्रत 09 जनवरी को रखा जाएगा.
सफला एकादशी व्रत का पारण
सफला एकादशी का उपवास (Saphala Ekadashi 2021 Vrat) रखने वालों को व्रत का पारण 10 जनवरी को प्रात:काल 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 21 मिनट के बीच करना होगा. ध्यान रखें, एकादशी व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करना उत्तम माना जाता है. द्वादशी तिथि के समापन से पूर्व ही एकादशी व्रत का पारण कर लेना बेहतर है. पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय शाम को 04 बजकर 52 मिनट पर है.
यह भी पढ़ें- महालक्ष्मी का अवतार हैं देवी रुक्मिणी, इस विधि से करें उनका पूजन
सफला एकादशी पूजन विधि
सफला एकादशी की पूजा (Saphala Ekadashi 2021 Pujan Vidhi) भी अन्य एकादशी तिथि की तरह ही की जाती है. सुबह उठने के बाद सबसे पहले स्नान करके व्रत करने का संकल्प लें. फिर गंगाजल का छिड़काव करके भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें. तुलसी के पत्ते, अगरबत्ती, सुपारी, फल और नारियल भगवान विष्णु की प्रिय वस्तुएं हैं, इसलिए उन्हें यही अर्पित करें. सफला एकादशी के व्रत की कथा पढ़ें और फिर भोग अर्पित करें. इस दिन विष्णुजी के साथ कृष्णजी की भी पूजा की जाती है.
इस शुभ दिन पर कुछ लोग अपने घर में सत्यनारायण भगवान की कथा (Satyanarayan Katha) करवाते हैं. इस तिथि को रात्रि जागरण का भी विशेष महत्व माना गया है.
सफला एकादशी व्रत का महत्व
पद्म पुराण (Padma Puran) के मुताबिक, जो लोग सफला एकादशी का व्रत (Saphala Ekadashi 2021) रखते हैं, उनके सभी पाप राजा महिष्मान के ज्येष्ठ पुत्र लुम्पक के पापों की तरह नष्ट हो जाते हैं और उनमें अच्छे विचार और आचरण आते हैं. मान्यता है कि भगवान विष्णु की कृपा (Saphala Ekadashi Significance) से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
धर्म से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें