Sawan Somvar Upay: सावन का सोमवार भगवान शिव की पूजा का दिन है. सावन का पूरा महीना ही भगवान शिव को समर्पित है. लेकिन इस माह में आने वाले सोमवार का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. इस दिन शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करना शुभ माना गया है. कहते हैं कि सृष्टि के पांच तत्वों की रचना पंचाक्षर स्तोत्र से हुई है. वहीं बता दें कि शिव पंचाक्षर स्तोक्ष के रचियता आदिगुरु शंकराचार्य ने कहा कि भगवान शंकर का पंचाक्षर मंत्र पांच तत्वों से युक्त है. 


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उन्होंने बताया कि इसमें न, म, शि, व और य पांच अक्षरों से सृष्टि बनी है और इसमें पृथ्वी, आकाश, जल, अग्नि और वायु जैसे पांच तत्व शामिल हैं. इन मंत्रों से सृष्टि के पांचों तत्वों को एक किया जा सकता है. 


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शिव पंचाक्षर स्तोत्र की विधि


ऐसा कहा जाता है कि शिवपंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है. इस मंत्र के साथ शिवलिंग का जलाभिषेक दूध और जल से करें. इसके बाद भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें. साथ ही, शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करें.  


शिव पंचाक्षर स्तोत्र


॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥


हे नागों के स्वामी के हार, हे तीन आंखों वाले,
हे राख के भगवान, हे ब्रह्मांड के भगवान.
कभी असफल न होने वाले, शुद्ध और दिव्य,
हम आपको आदरपूर्वक प्रणाम करते हैं.


मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय,
नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय.
मंदार पुष्प, बहुपुष्पित, सुपूजित,
मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ.


हे शिव, आप कमल-मुख वाली गौरी हैं, और
आप सूर्य देव हैं, जो दक्ष के यज्ञ को नष्ट कर देते हैं. हे
नीली गर्दन वाले बैल-ध्वज के स्वामी,
जो शिकारी हैं, मैं आपको नमस्कार करता हूं.


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वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमर्य,
मुनिन्द्रदेवार्चितशेखराय.
हे शिव जिनकी आंखें चंद्रमा, सूर्य और अग्नि के समान हैं,
मैं आपको नमस्कार करता हूं.


हे यक्ष-रूप, उलझे हुए बालों वाले, और
पिनाक के हाथ में शाश्वत,
हे दिव्य देवता, दिव्य रूप से सुसज्जित,
आप सभी खुशियों के स्रोत हैं.


मान्यता है कि जो भी व्यक्ति भगवान शिव के सामने इस पांच अक्षरों वाले मंत्र का पाठ करता है, उसे जीवन में किसी भी दुख या परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. इसके साथ ही, वे सबसे पवित्र होता है. भगवान शिव के लोग को प्राप्त करता है और भगवान शिव के साथ आन्नद मनाता है.  


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)