नई दिल्ली: न्याय के देवता कहे जाने वाले शनिदेव का नाम सुनते ही ज्यादातर लोग घबरा जाते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि शनिदेव (Shani Dev) हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. खासकर शनि की साढ़ेसाती (Shani Ki Sadhesati) का नाम सुनते ही ऐसा लगता है कि कुछ बुरा होने वाला है. लेकिन ये गलत धारणा है. शनि की साढ़ेसाती अच्छे और बुरे दोनों तरह के फल दे सकती है. 


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ज्योतिषियों के अनुसार, जब शनिदेव राशि में परिवर्तन करते हैं उसे ही साढ़ेसाती कहा जाता है. शनिदेव की हर चाल का असर सभी 12 राशियों पर होता है. शनिदेव काफी धीरे चलते हैं. इनका राशि परिवर्तन भी अन्य की तुलना में कम होता है. इसलिए एक बार जिन पर ढैया और साढे़साती शुरू हो जाती है, उन्हें जल्द आराम नहीं मिल पाता. आपको बता दें कि अगले साल 29 अप्रैल 2022 को शनिदेव का राशि परिवर्तन होगा. इस दिन वे मकर राशि से निकलकर कुंभ में गोचर करेंगे.


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इन राशि वालों पर होगा असर


इस दिन से मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी. मीन राशि पर साढ़ेसाती शुरू होते ही कुंभ व मकर राशि वालों पर भी इसका प्रभाव रहेगा. इसके अलावा धनु राशि वालों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी. साथ ही इस दौरान कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर ढैय्या शुरू हो जाएगी.


शनि की साढ़ेसाती से बचने के उपाय


शनि की साढ़ेसाती की वजह से जीवन में बदलाव अवश्य होता है और यह बदलाव अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी. लेकिन अगर शनि की साढ़ेसाती से अशुभ परिणाम (Bad Effects) मिलने वाले हों तो ऐसी स्थिति में परेशानियों से बचने के लिए आपको क्या-क्या उपाय करने चाहिए, इस बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं.


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1. हनुमान जी की पूजा करें
शास्त्रों की मानें तो एक बार शनिदेव ने हनुमान जी (Lord Hanuman) को वचन दिया था कि जो भी हनुमान जी की पूजा करेगा उसे शनिदेव कभी परेशान नहीं करेंगे. इसलिए शनि की साढ़ेसाती के बुरे प्रभाव से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का भी पाठ करें. इसके अलावा सुंदरकांड का पाठ और श्रीहनुमाष्टक का पाठ करने से भी शनि से मिलने वाले कष्ट कम हो जाते हैं.


2. शनि के बीज मंत्र का जाप
शनि की साढ़ेसाती के बुरे प्रभाव से बचने के लिए शनि का दान, मंत्र जाप और पूजा करने से भी काफी राहत मिलती है. इसके अलावा शनि के बीज मंत्र- “ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:” का जाप और बीज मंत्र के बाद शनि स्तोत्र का पाठ करने से भी लाभ प्राप्त हो सकता है. इसके अलावा शनि की साढ़ेसाती के दौरान शनि मंत्र- ऊँ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करने से भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.


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3. पीपल के वृक्ष के पास दीया जलाएं
अगर किसी व्यक्ति को शनि की साढ़ेसाती की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो तो प्रतिदिन और खासकर शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के पास दीया जलाना काफी फायदेमंद हो सकता है. इससे शनिदेव की विशेष कृपा बनी रहती है और शनि से जुड़े सभी दोष भी खत्म हो जाते हैं.


4. शनिवार को उपवास रखें
शनि से संबंधित दुष्प्रभावों को शांत करने के लिए आप चाहें तो शनिवार के दिन व्रत रखें और शनिदेव की पूजा करके उन्हें नीले रंग का फूल अर्पित करें. साथ ही इस दिन शनि से संबंधित चीजें जैसे- काली उड़द की दाल, काले वस्त्र, तेल, लोहा, काला तिल, आदि का दान करना भी फायदेमंद हो सकता है.


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