Shaniwar Upay: खुल जाएंगे तरक्की के दरवाजे, दूर होंगे सभी कष्ट! बस शनिवार को करें ये चमत्कारी काम
Shaniwar Remedies: हिन्दू धर्म में सप्ताह के 7 दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. इसी तरह शनिवार का दिन कर्मफलदाता शनिदेव को समर्पित होता है. शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते हैं.
Shaniwar ke Upay: हिन्दू धर्म में सप्ताह के 7 दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. इसी तरह शनिवार का दिन कर्मफलदाता शनिदेव को समर्पित होता है. शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा होती है उसके जीवन में किसी भी प्रकार की सुख-सुविधा की कमी नहीं होती और सुख-शांति बनी रहती है.
करें शनिदेव की आरती
सप्ताह के 7 दिनों में से शनिवार का दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. कर्मफलदाता को प्रसन्न करने के लिए आप शनिवार को शनिदेव की आरती कर सकते हैं. कहा जाता है कि शनिदेव की आरती करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं साथ ही तरक्की के द्वार खुल जाते हैं. शनि दोष के प्रभाव को कम करने के लिए भी ये लाभदायक माना जाता है.
शनि देव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव....
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव....
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव....
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव....
जय जय श्री शनि देव....
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
जय जय श्री शनि देव....
इन बातों का रखें ध्यान
1. शनि देव की आरती करते समय ध्यान रखें की आप शनि देव की आंखों में नहीं देखना चाहिए.
2. आरती करते समय शनि देव की प्रतिमा के ठीक सामने नहीं खड़े रहना चाहिए.
शनि देव के मंत्र
शनि बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)