नई दिल्ली: धार्मिक दृष्टिकोण से माघ के महीने को बेहद पवित्र और अहम माना जाता है और इसी माघ के महीने (Magh Maas) में पूजा पाठ और स्नान-दान का विशेष महत्व भी है. साथ ही हिंदू धर्म में एकादशी (Ekadashi) का भी बहुत महत्व है क्योंकि यह भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित होती है. ऐसी मान्यता है कि एकादशी पर व्रत रखने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. हर महीने 2 बार एकादशी आती है और इस तरह से 1 साल में 24 एकादशी होती है. माघ महीने की कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) कहते हैं.


7 फरवरी 2021 को है षटतिला एकादशी


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षटतिला एकादशी को तिल्दा एकादशी या षटिला एकादशी भी कहा जाता है. यह माघ मास के कृष्ण पक्ष के दौरान 11वें दिन आती है. इस साल षटतिला एकादशी का व्रत 7 फरवरी 2021 दिन रविवार को रखा जाएगा. कहते हैं षटतिला एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु के साथ ही समस्य देवी देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है और कुंडली (Kundli) के सभी बुरे योग समाप्त हो जाते हैं. 


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षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त (Shattila Ekadashi  Shubh Muhurat)
षटतिला एकादशी- रविवार, 7 फरवरी 2021
एकादशी तिथि प्रारंभ- 7 फरवरी को 06:26 बजे
एकादशी तिथि समाप्त- 8 र04:47 फरवरी 08, 2021


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षटतिला एकादशी व्रत की विधि


- षटतिला एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले स्‍नान करें. 
- साफ वस्‍त्र धारण करें. 
- श्री हरि विष्‍णु का स्‍मरण करें और व्रत का संकल्‍प लें. 
- घर के मंदिर में श्री हरि विष्‍णु की मूर्ति या फोटो के सामने दीपक जलाएं.
- भगवान विष्‍णु की प्रतिमा या फोटो को वस्‍त्र पहनाएं. 
- प्रसाद व फलों का भोग लगाएं. 
- षटतिला एकादशी के दिन काले तिल के दान का बड़ा महत्व है. 
- भगवान विष्‍णु को पंचामृत में तिल मिलाकर स्‍नान कराएं. 
- इस व्रत को रखने से आरोग्य प्राप्त होता है. 
- अन्न, तिल आदि दान करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है.


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