Shiv Puran Hindi: भगवान शिव द्वारा प्रतिपादित है ये पुराण, पढ़ने और सुनने से प्रसन्न हो जाते हैं महादेव
Shiv Puran Pdf: शिव पुराण सभी पुराणों में श्रेष्ठ है. इसमें परमात्मा का गुणगान किया गया है. जो व्यक्ति बड़े आदर के साथ इसे पढ़ता और सुनता है, वह भगवान शिव का प्रिय होकर परम गति को प्राप्त करता है.
Shiv Puran ki Katha: सावन का महीना 4 जुलाई से शुरु होने जा रहा है. 12 महीनों में से यह महीना शिवजी को समर्पित है और भोलेनाथ बहुत ही आसानी से प्रसन्न भी हो जाते हैं. उन्हें प्रसन्न करने के लिए इस बार आप शिव पुराण का पाठ भी कर सकते हैं. परिवार के सभी लोगों के सामने पाठ करने से इसे सुनने वालों का भी भला हो जाएगा. भगवान वेदव्यास जी के शिष्य सूत जी महाराज ने शिव पुराण की महिमा का बखान करते हुए कहा है कि इस ग्रंथ को पढ़ने और सुनने मात्र से ही शिव जी प्रसन्न होते हैं.
शिव पुराण सभी पुराणों में श्रेष्ठ है. इसमें परमात्मा का गुणगान किया गया है. जो व्यक्ति बड़े आदर के साथ इसे पढ़ता और सुनता है, वह भगवान शिव का प्रिय होकर परम गति को प्राप्त करता है. शिवजी की कृपा से सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं.
24 हजार श्लोक
शिव पुराण में विद्येश्वर, रुद्र, विनायक, उमा, मातृ, एकादश रुद्र, कैलास, शतरुद्र, कोटिरुद्र, सहस्त्र कोटिरुद्र, वायवीय एवं धर्मसंहिता के रूप में कुल 12 खंड है. इन 12 खंडों या संहिताओं को समेटे मूल शिवपुराण में कुल एक लाख श्लोक हैं, किंतु व्यास जी ने उसे 24 हजार श्लोकों में संक्षिप्त कर दिया है. पुराणों की क्रम संख्या के विचार से शिव पुराण का चौथा स्थान है.
माना जाता है कि पूर्वकाल में भगवान शिव ने श्लोकों के लिहाज से सौ करोड़ श्लोकों का एक ही पुराण ग्रंथ की रचना की थी, फिर द्वापर व अन्य युगों में ऋषि द्वैपायन आदि महर्षियों ने जब पुराण का 18 भागों में विभाजन कर दिया तो पुराणों का संक्षिप्त रूप केवल चार लाख श्लोकों का ही रह गया. उस समय शिव पुराण का 24 हजार श्लोकों में संपादन किया गया, जिसे सात संहिताओं या खंडों में बांटा गया. जानने योग्य सबसे प्रमुख बात यही है कि यह भगवान शिव द्वारा ही प्रतिपादित है.