Thursday Mantra: हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है. गुरुवार का दिन बृहस्पति देव और भगवान विष्णु का दिन है. इस दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और उपवास करने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.  बता दें कि बृहस्पति ग्रह को सुख, वैभव, वैवाहिक, संतान आदि का कारक माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस जातक की कुंडली में बृहस्पति उच्च स्थान पर बैठे होते हैं, उन्हें  जीवन में सभी खुशियां नसीब होती हैं. 


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कुंडली में गुरु की शुभ स्थिति व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान दिलाती है. वहीं, गुरु के कमजोर होने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में कुंडली में गुरु के अशुभ प्रभावों को कम करने और शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपायों और मंत्रों के बारे में बताया गया है. इन मंत्रों के जाप से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. 


गुरु का वैदिक मंत्र


ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु


यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।


ध्यान मंत्र


रत्नाष्टापद वस्त्र राशिममलं दक्षात्किरनतं करादासीनं,


विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्।


पीतालेपन पुष्प वस्त्र मखिलालंकारं सम्भूषितम्,


विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्।।


बृहस्पति शांति मंत्र


देवानाम च ऋषिणाम च गुरुं कांचन सन्निभम।


बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।


ॐ बृं बृहस्पतये नमः।। 


ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।


ॐ ह्रीं नमः।


ॐ ह्रां आं क्षंयों सः ।।


बृहस्पति मंत्र


ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।


ॐ बृं बृहस्पतये नमः।


जल्द विवाह के लिए


अविवाहित लोग "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः"


मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से व्यक्ति का विवाह शीघ्र हो जाता है. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)