नई दिल्ली: सहज और सरल देवता शनिदेव हैं. साल की पहली शनि अमावस्‍या आज 5 जनवरी को है. शनिवार को आने वाली अमावस्या को शनैश्चरी अमावस्या कहा जाता है. अमावस्या के दिन पित्तरों को दान, गरीबों को दान, गंगा जी जैसी पवित्र नदी में स्नान से पुण्य की प्राप्ति होती है. पौराणिक मान्यता भी है कि शनि अमावस्या के दिन में विशेष रूप से स्नान, दान और ध्यान का महत्व है. ऐसा करने से पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है. 


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इस दिन शनिदेव की पूजा का विशेष महत्‍व है. अमावस्या के दिन व्रत रखने से घर में खुशहाली आती है और मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्ट दूर होते है. जिन लोगों की कुंडली में अर्ध काल सर्प योग होता है या फिर पूर्ण काल सर्प योग होता है उन्हें इस दिन इससे मुक्त होने के उपाय करने चाहिए. ये भी कहा जाता है कि इस दिन शनिदेव के नाम या मंत्रों का जाप करने और दान देने से सभी काम पूरे होते हैं. 



ऐसे करें पूजा
शनि अमावस्‍या के दिन शनिदेव की पूजा प्रदोष काल या रात में की जाती है. अगर आप इस दिन व्रत रख पाएं तो वो और भी फलदायक होगा. इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीप जलाएं और शनि की अराधना करें. शनि चालीसा का पाठ करें. अगर आप पाठ नहीं कर रहे हैं तो आप शनि मंत्र का जाप भी कर सकते हैं.


इस मंत्र का करें जाप
'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें' शास्त्रों के मुताबिक, इस मंत्र के साथ शनि की अराधना करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है.


इस बार हैं तीन शनिश्चरी अमावस्या
साल 2019 में तीन शनिश्चरी अमावस्या का विशेष योग बन रहा हैं. 5 जनवरी, पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है. दूसरी शनिश्चरी अमावस्या 4 मई वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की है और तीसरी शनिश्चरी अमावस्या 28 सितंबर अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन है.