नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में देश के कई राज्यों में मौजूद मशहूर गणेश मंदिरों में भी भक्तों का तांता लगता है. इतना ही नहीं दन प्राची मंदिरों का इतिहास भी कम रोचक नहीं है. ऐसी महिमा है छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 395 किमी दूर स्थित बारसूर के गणेश मंदिर की. इस मंदिर में भगवान गणेश की जुड़वां मूर्तियां हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

छत्तीसगढ़ के बारसूर को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है. बारसूर के जुड़वां गणेश मंदिर में दो गणेश प्रतिमा है. एक की ऊंचाई सात फीट की है तो दूसरी की पांच फीट है. ये दोनों मूर्ति एक ही चट्टान पर बिना किसी जोड़ के बनाई है. बारसूर को तालाबों और मंदिरों का शहर कहा जाता है, जहां कभी 147 मंदिर हुआ करते थे. 


...इसलिए बप्पा को कहा जाता है एकदंत, जानें छत्तीसगढ़ के ढोलकल गणेश की महिमा


पौराणिक मान्यता के अनुसार इस मंदिर का निर्माण राजा बाणासुर ने करवाया था. राजा की पुत्री और उसकी सहेली दोनों भगवान गणेश की खूब पूजा करती थी. लेकिन इस इलाके में दूर तक कोई गणेश मंदिर नहीं था. इस वजह से राजा की पुत्री को गणेश जी की आराधना के लिए दूर जाना पड़ता था. राजा ने अपनी पुत्री के कहने पर इस मंदिर का निर्माण कराया था. कहा जाता है कि गणपति उषा और चित्रलेखा की साधना से प्रसन्न हुए थे और तब से यहां आने वाले अपने सभी भक्तों की हर कामना पूरी करते हैं.