नई दिल्ली. हिंदू धर्म में स्वास्तिक (Swastika) का चिन्ह बहुत ही शुभ और कल्याणकारी माना गया है. स्वास्तिक चिन्ह (Swastika Sign) को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है. यही वजह है कि स्वास्तिक के चिन्ह का प्रयोग हर मंगल और शुभ कार्य में जरूर किया जाता है. इस शुभ चिन्ह की उत्पत्ति आर्यों ने की थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

धार्मिक कार्यों के अलावा वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में भी स्वास्तिक के चिन्ह का खास महत्व माना गया है. वास्तुशास्त्र के अनुसार, अगर घर के कुछ अलग-अलग हिस्सों में स्वास्तिक बनाया जाए तो इसके चमत्कारिक और कल्याणकारी फायदे देखने को मिलते हैं. साथ ही वास्तुदोष से मुक्ति भी मिलती है.


मुख्य दरवाजे पर स्वास्तिक
अगर आप वास्तुदोष की समस्या से परेशान हैं तो घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ स्वास्तिक का चिन्ह जरूर बनाएं. ऐसा करने से घर में मौजूद वास्तुदोष से मुक्ति मिलती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इससे घर में सुख-समृद्धि का वास भी होता है. वास्तु दोष दूर करने के लिए 9 अंगुल लंबा और चौड़ा स्वास्तिक चिन्ह मुख्य दरवाजे पर सिंदूर से बनाना चाहिए.


यह भी पढ़ें- ZEE आध्यात्म: रोज सिर्फ 5 मिनट करें सूर्य नमस्कार, मिलेंगे ये फायदे


घर के आंगन में स्वास्तिक
आंगन के बीचो-बीच स्वास्तिक चिन्ह बनाना काफी शुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितृपक्ष में घर के आंगन में गोबर से स्वास्तिक चिन्ह बनाने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है. इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है. स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है और घर में सकारातमक ऊर्जा का संचार होता है.


यह भी पढ़ें- ZEE अध्यात्म: जानिए श्लोक और मंत्र में अंतर, सिखाते हैं जीवन का सही तरीका


घर के पूजा स्थल में स्वास्तिक
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में स्वास्तिक का चिन्ह बनाना बेहद शुभ माना गया है. देवस्थान पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उस पर भगवान की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए. ऐसा करने से भगवान की कृपा दृष्टि हमेशा आप पर बनी रहती है.


तिजोरी या अलमारी में स्वास्तिक
घर की अलमारी या तिजोरी में स्वास्तिक का चिन्ह बनाना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और कभी धनी की कमी नहीं रहती है. दिवाली और अन्य शुभ अवसरों पर तिजोरी या अलमारी के अंदर स्वास्तिक चिन्ह जरूर बनाना चाहिए.


यह भी पढ़ें- चौंकिएगा मत! बेहद अनोखा है यह मंदिर, प्रसाद में भक्तों को मिलता है सोना-चांदी


घर की दहलीज के बीचों-बीच स्वास्तिक
घर के मुख्य दरवाजे का पूजन करके देहरी के दोनों ओर स्वास्तिक बनाना शुभ होता है. वास्तु के अनुसार, ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी वास करती हैं. रोजाना सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करने के बाद स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और फिर धूप दिखाकर भगवान की पूजा-अर्चना करें. उसके बाद दहलीज के दोनों ओर स्वास्तिक का शुभ चिन्ह बनाएं.


यह भी पढ़ें- इस मंदिर में फल-नारियल के बदले प्रसाद में चढ़ाया जाता है लौकी तेंदू की लकड़ी


स्वास्तिक के ऊपर चावल रखें. पूजा वाली दो सुपारी लेकर उसके ऊपर कलावा बांध दें. अब एक-एक सुपारी को चावल की ढेरी पर रख दें.


धर्म से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें