सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) करते समय सूरज की किरणों का सीधा प्रभाव शरीर पर पड़ने से आपके कई रोग भी दूर हो जाते हैं. रोज 5-10 मिनट सूर्य नमस्कार करने के बाद आपको कोई और आसन करने की जरूरत नहीं होगी.
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नई दिल्ली: आज ZEE आध्यात्म (Zee Adhyatm) में आपको तन मन से स्वस्थ रखने के लिए योगासनों में सर्वश्रेष्ठ सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) की बात करेंगे. माना जाता है कि अगर आप रोज सिर्फ सूर्य नमस्कार ही करें तो आपको किसी भी तरह के एक्सरसाइज और योग करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) का अर्थ है सूरज को अर्पण या नमस्कार करना. सूर्य नमस्कार से रोजाना दिन की शुरुआत करने से आपका तन और मन दोनों ही स्वस्थ रहते हैं. इसे करते समय सूरज की किरणों का सीधा प्रभाव शरीर पर पड़ने से आपके कई रोग भी दूर हो जाते हैं. रोज 5-10 मिनट सूर्य नमस्कार करने के बाद आपको कोई और आसन करने की जरूरत नहीं होगी.
सूर्य के सामने इसे करने से शरीर को विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलता है, जिससे शरीर को मजबूती मिलने के साथ ही स्वस्थ रखने में भी मदद मिलती है. सबसे खास बात ये है कि 'सूर्य नमस्कार' स्त्री, पुरुष, बच्चे, युवा और बुजुर्ग सबके लिए उपयोगी बताया गया है.
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सूर्य नमस्कार में बारह मंत्र बोले जाते हैं. हर मंत्र में सूर्य का अलग नाम लिया जाता है. हर मंत्र का एक ही सरल अर्थ है- सूर्य को मेरा नमस्कार है.
ॐ मित्राय नमः।
ॐ रवये नमः।
ॐ सूर्याय नमः।
ॐ भानवे नमः।
ॐ खगाय नमः।
ॐ पूष्णे नमः।
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
ॐ मरीचये नमः।
ॐ आदित्याय नमः।
ॐ सवित्रे नमः।
ॐ अर्काय नमः।
ॐ भास्कराय नमः।
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