Vastu Tips In Hindi: किसी भी बिल्डिंग का फ्रंट एलीवेशन तो लोगों को सिर्फ आकर्षित करने के लिए ही होता है किंतु जिस फ्लैट या घर में आप रहते हैं, वहां का इंटीरियर उससे भी कहीं अधिक महत्व रखता है, यदि वह वास्तु के अनुसार है तो आपको वहां पर रहते हुए सुकून मिलेगा यानी सुख शांति सम्पन्नता और स्वास्थ्य आदि सब कुछ. इसलिए जिस घर में भी आप रहें वहां का इंटीरियर वास्तु के अनुसार ही रखें. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वास्तु के अनुसार हाउस इंटीरियर


1. किसी भी घर की आंतरिक बनावट या साज सज्जा अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखती है क्योंकि कोई भी हो, अधिकांश उपयोग तो वह वहां के आंतरिक हिस्सों का ही करता है. किसी भी भवन के अंदर के भाग ही उसे शरण देते हैं और अपनी मूल्यवान वस्तुओं को भी वह वहीं पर छिपा कर सुरक्षित करता है. 


2. वास्तुशास्त्र का भवन की आंतरिक बनावट और साज सज्जा में काफी योगदान है. भवन की दीवारों और फॉल सीलिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले रंग, उसमें रखी जाने वाली वस्तुओं का स्थान और वस्तुएं काफी महत्व रखती हैं. वास्तु के बैलेंस में जरा भी लापरवाही हुई तो वहां रहने वाले बीमार, परेशान, धनाभाव और न जाने कितनी समस्याओं से घिर जाते हैं जबकि सब कुछ वास्तु के अनुसार होने के सार्थक और सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं क्योंकि वहां पर रखी हुई वस्तुएं ऊर्जा देने या ऊर्जा के क्षरण का कार्य करती हैं. 


3. वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण अर्थात उत्तर पूर्व की दिशा में कभी भी भारी भरकम सामान नहीं रखना चाहिए और यदि घर में गर्भवती महिला हो तो इस बात का खास ध्यान रखे. भारी वस्तुओं को दक्षिण पश्चिम अर्थात नैऋत्य कोण की दिशा में रखा जाना चाहिए. सजावट में इस बात का सदैव ध्यान रखें कि अशुभ और भयानक डरावनी चीजों का इस्तेमाल न करें. इसका बच्चों पर बुरा असर पड़ता है. अश्लील चित्रों से भी बचना चाहिए और धार्मिक तथा प्रेरणादायक चित्र मन को लुभाने का कार्य करते हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)