Vinayak Chaturthi 2023 Shubh Muhurat: भगवान गणेश की महिमा अपरंपार है. कोई भी मांगलिक या धार्मिक कार्य हो, सर्वप्रथम उनकी ही पूजा की जाती है. उनकी पूजा करने से वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं, इसलिए उनको विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के लिए लोग व्रत रखते हैं और विधि-विधान से उनकी पूजा करते हैं. इस बार विनायक चतुर्थी व्रत 23 मई को रखा जाएगा.


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चतुर्थी व्रत


बता दें कि हर महीने दो बार चतुर्थी व्रत रखा जाता है. एक व्रत कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को तो दूसरा व्रत शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन रखा जाता है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखे जाने वाले व्रत को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. वहीं, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन रखे जाने वाले व्रत को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है.


मुहूर्त


इस बार चतुर्थी तिथि की शुरुआत 22 मई की रात 11 बजकर 18 मिनट से होगी और इसका समापन 23 मई देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 23 मई को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. वहीं, बप्पा की पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 28 मिनट से दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक रहेगा.


पूजा विधि 


विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर तैयार हो जाएं. इसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने धूप, दीप जलाकर उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं और स्वच्छ वस्त्र अर्पित करें. इसके बाद बप्पा को पुष्प, मिठाई, फल, चंदन, मोदक और पान का पत्ता अर्पित करें. गणेश जी को सिंदूर लगाएं और विनायक चतुर्थी की कथा पढ़ें. उनकी आरती के बाद प्रसाद करें और व्रत की शुरुआत करें. शाम को फिर से गणपति बप्पा की पूजा करें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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