Wednesday Upay: बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है. इस दिन गणेश पूजा से व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही, हर कार्य में सफलता मिलती है. गणपति भक्तों की हर संकट से रक्षा करते हैं. इतना ही नहीं, आर्थिक संकट में फंसे भक्तों का बेड़ा पार भी गणेश जी ही करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कर्ज से बोझ से छुटकारा पाने के लिए बुधवार के दिन गणेश जी के ऋणहर्ता गणेश स्रोत का पाठ करना चाहिए. आइए जानें स्रोत के पाठ की विधि के बारे में. 


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ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र पाठ विधि


 


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बुधवार के दिन स्रोत का पाठ करने के लिए सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और जल से अभिषेक करें. इसके बाद उन्हें लाल फूल, चंदन, कुमकुम, फल, फूल माला, वस्त्र, दूर्वा आदि अर्पित करें. इसके बाद गणेश पूजन करें और ऋणहर्ता गणेश स्रोत का पाठ करें. 


ऋणहर्ता गणेश स्रोत


ध्यान
ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम्।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम्।।


पाठ
 


सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।1।।


त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।2।।


हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।3।।


 


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महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।4।।


तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।5।।


भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।6।।


शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।7।।


पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।8।।


इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित:।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत्।।


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऋणहर्ता गणेश स्रोत का पाठ करने के बाद गणेश जी की आरती अवश्य करें. आरती के लिए घी के दीपक का उपयोग करें. इसके बाद ही आपका पाठ पूर्ण माना जाएगा और आपकी मनोकामना पूर्ण होगी. 


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)