Ganesh Pujan: देवाधिदेव महादेव और पार्वती जी के पुत्र गजानन का माता पिता के प्रति समर्पण देख भगवान शंकर ने अपने गणेश जी को कई वर दे दिए. शिव जी ने कहा विघ्नों का नाश करने वालों में तुम्हारा नाम सर्वोपरि होगा, तुम सबके पूज्य होंगे, संपूर्ण गुणों के अध्यक्ष का पद तुम्हें प्राप्त होगा, सभी देवताओं में सबसे पहले तुम्हारी ही पूजा की जाएगी. बिना तुम्हारी पूजा के भक्त को कोई फल नहीं प्राप्त होगा.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 


गणेश जी का चतुर्थी से संबंध
गणेश जी और चतुर्थी के बीच भी गहरा कनेक्शन है, पंचमी या कोई अन्य तिथि उनके नाम से नहीं जानी जाती है. वास्तव में महादेव ने गणेश जी को चतुर्थी का स्वामी बना दिया था. इसी कारण गणेश चतुर्थी होती है. भगवान शिव ने कहा है कि गणेश चतुर्थी के दिन अत्यंत श्रद्धा भक्ति से गजमुख को प्रसन्न करने के लिए व्रत, पूजन और गणेश गान करने से विघ्नों का सदा के लिए नाश हो जाता है और समस्त कार्य सिद्ध हो जाते हैं. 


 


यह भी पढ़ें: 13 March Rashifal: कर्क राशि वालों को मिल सकता है नया पद, तुला वाले गुस्सा करें कम, पढ़ें 13 मार्च का दैनिक राशिफल


 


इस दिन मां पार्वती ने किया था गणेश जी आह्वान 


गणेश पुराण के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी के मध्याह्न में भगवान गणेश का पूजन करना चाहिए. माता पार्वती ने इसी समय पुत्र के रूप में गणेश जी का आह्वान किया था इसलिए इस दिन गणपति का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है.   



चतुर्थी पर कैसे करें गणेश पूजन


चतुर्थी तिथियों की मां है. यूं तो प्रत्येक मास में दो चतुर्थी पड़ती है, जिनमें गणेश जी का पूजन करना चाहिए किंतु शुक्ल पक्ष में उनका प्राकट्य होने के कारण शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का महत्व अधिक हो जाता है.  इस दिन गणेश जी का वस्त्र, फूल माला पहनाकर श्रृंगार करे. गन्ने के टुकडे़, गुड़, मोदक, कैथा और फलों में जामुन का भी भोग लगा सकते हैं, दूर्वा की माला पहनाएं या फिर उन पर दूर्वा चढ़ाएं, धूप दीप आदि दिखा कर गणेश सहस्त्रनाम का पाठ करें, इसके अलावा ऊं गं गणपतये नमः मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. 


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)