Bhagwan Vishnu and Maa Laxmi Aarti: हिंदू धर्म में सभी एकादशी तिथि भगवान विष्‍णु को समर्पित हैं. एकादशी व्रत रखना, एकादशी व्रत कथा सुनना और भगवान विष्‍णु-माता लक्ष्‍मी की विधि-विधान से पूजा करना उनकी अपार कृपा दिलाता है. इन्‍हीं एकादशी में से एक है योगिनी एकादशी. आषाढ़ मास के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं. 


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योगिनी एकादशी 2023 तारीख और उपाय 


हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 14 जून को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा. योगिनी एकादशी के दिन किए गए उपाय भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी की कृपा दिलाते हैं. इसके लिए योगिनी एकादशी का व्रत करें और विधि-विधान से भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी की पूजा करके योगिनी एकादशी व्रत कथा पढ़ें या सुनें. आखिर में भगवान विष्‍णु की आरती और मां लक्ष्‍मी की आरती जरूर करें. ऐसा करने से ही पूजा पूरी होती है और फल मिलता है. इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है, खूब धन लाभ होता है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं. 


भगवान विष्णु की आरती-


ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥


जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय...॥


मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय...॥


तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...॥


तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय...॥


तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय...॥


दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय...॥


विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय...॥


तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय...॥


जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय...॥


माता लक्ष्मी की आरती-


ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता


तुम को निश दिन सेवत, हर विष्णु विधाता....


ॐ जय लक्ष्मी माता...।।


उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता


सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता


ॐ जय लक्ष्मी माता...।।


दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पति दाता


जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धि धन पाता


ॐ जय लक्ष्मी माता...।।


तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता


कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की त्राता


ॐ जय लक्ष्मी माता...।।


जिस घर तुम रहती सब सद्गुण आता


सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता


ॐ जय लक्ष्मी माता...।।


तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता


खान पान का वैभव, सब तुमसे आता


ॐ जय लक्ष्मी माता...।।


शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता


रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता


ॐ जय लक्ष्मी माता...।।


महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता


उर आनंद समाता, पाप उतर जाता


ॐ जय लक्ष्मी माता...।।


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)