Zee Adhyatm: आपकी मनोकामनाएं पूरी करेगा यह गणेश मंत्र, जानिए इसका अर्थ
जी अध्यात्म में जानिए भगवान `श्री गणेश` का विशेष मंत्र. मान्यता के अनुसार, किसी भी प्रकार के कार्य प्रारंभ करने के पूर्व `श्री गणेश जी` का स्मरण इस मंत्र के साथ अवश्य करना चाहिए. आपके शुभकार्य निश्चित ही सिद्ध होंगे.
नई दिल्ली: मंत्र (Mantra) हमारे भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करते हैं. मंत्रोच्चारण के बाद आप भी कई बार अपने अंदर एक आध्यात्मिक शांति और शक्ति महसूस करते होंगे. इसका कारण यही है कि जो नकारात्मक ऊर्जा हमें अशांत रखती है, मंत्रोच्चारण से वह दूर हो जाती है.
'श्री गणेश' मंत्र'
आज बात करेंगे भगवान 'श्री गणेश' के मंत्र की. मान्यता के अनुसार, किसी भी प्रकार के कार्य प्रारंभ करने के पूर्व 'श्री गणेश जी' का स्मरण इस मंत्र के साथ अवश्य करना चाहिए. इससे आपके शुभकार्य निश्चित ही सिद्ध होंगे.
मंगल कार्यों के देवता 'श्री गणेश'
भगवान गणेश (Lord Ganesha) जहां शुभता के प्रतीक माने जाते हैं, वहीं सुख-समृद्धि के कारक भी हैं. इन्हें मंगल कार्यों के लिए विशेष रूप से पूजा जाता है. इनकी पूजा जितनी आसान है, उतनी ही इनकी सेवा. भगवान केवल दूर्वा से ही प्रसन्न हो जाते हैं. मोदक और लड्डू का भोग भी इन्हें प्रिय है.
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मान्यता के अनुसार, गणेश मंत्रों का नित्य जाप करने से जीवन में कठिनाइयों का दौर समाप्त हो जाता है, वहीं आने वाली बाधाएं भी दूर हो जाती हैं. तो आज हम आपको आप हर काम को सफल करने वाले गणपति मंत्र और उसका अर्थ बताते हैं.
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श्री गणेश मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
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श्री गणेश मंत्र का अर्थ
घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली.
मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें.
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