Search For Alien Life: क्या ब्रह्मांड में पृथ्वी के अलावा कहीं और भी जीवन है? सदियों से इस सवाल का जवाब तलाश जा रहा है. अभी तक कहीं पर भी एलियंस की मौजूदगी के सबूत नहीं मिले हैं. हालांकि, एक नई स्टडी बताती है कि अगर एक्सोप्लैनेट्स पर कुछ ग्रीनहाउस गैसें मिलती हैं तो यह एलियन टेराफॉर्मिंग का सबूत हो सकता है. टेराफॉर्मिंग किसी ग्रह, चंद्रमा या अन्य पिंड को पृथ्वी जैसा बनाने की काल्पनिक प्रक्रिया है ताकि उसे इंसानों के रहने लायक बनाया जा सके.


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द एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में छपी स्टडी में 5 गैसों के बारे में बताया गया है, जो कम मात्रा में पाई जा सकती हैं. इनके प्राकृतिक स्रोतों से आने की संभावना बहुत कम है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट, एडवर्ड श्विटरमैन ने कहा, 'हमारे लिए ये गैसें बुरी हैं क्योंकि इनसे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है. लेकिन वे किसी ऐसी सभ्‍यता के लिए अच्छी हो सकती हैं जो शायद आसन्न हिमयुग को रोकना चाहते हों. या अपने सिस्टम में मौजूद किसी निर्जन ग्रह को पृथ्वी जैसा बनाना चाहते हों. ठीक वैसे ही, जैसे इंसानों ने मंगल ग्रह के लिए सोचा है.'


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मॉडर्न टेलीस्कोप की पकड़ में आ सकती हैं ये गैसें!


ये सभी गैसें छोटे फ्लोरीन युक्त अणु हैं, जैसे कि सल्फर हेक्साफ्लोराइड. ये सभी बेहद ताकतवर शक्तिशाली वार्मिंग गैसें हैं, और वायुमंडल में बहुत लंबे समय तक रहती हैं. श्विटरमैन के मुताबिक, 'अनुकूल जलवायु बनाए रखने के लिए उन्हें बार-बार भरने की जरूरत नहीं होगी.'


रिसर्च के मुताबिक, इन गैसों के सिग्नेचर को आधुनिक टेलीस्कोप पकड़ सकते हैं. रिसर्चर्स ने नजदीकी TRAPPIST-1 सिस्टम में एक ग्रह को सिमुलेट किया ताकि यह पता लगा सकें कि किन गैसों की पहचान की जा सकती है. श्विटरमैन ने कहा, 'पृथ्वी जैसे वायुमंडल में, हर दस लाख अणुओं में से केवल एक ही इन गैसों में से एक हो सकता है, और यह संभावित रूप से पता लगाने योग्य होगा.' उनके मुताबिक, इतनी गैस सांद्रता जलवायु को बदलने के लिए भी काफी होगी.


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अभी एक्सोप्लैनेट्स की स्टडी में जुटे LIFE जैसे मिशनों से इन गैसों का पता लगाया जा सकता है. श्विटरमैन के अनुसार, 'आपको इन टेक्नोसिग्नेचर्स को ढूंढने में अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी होगी अगर आपका टेलीस्कोप पहले से ही दूसरे कारणों की वजह से ग्रह के गुणों का पता लगा है.'