नई दिल्ली: ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा इस समय पूरी दुनिया को है, वैज्ञानिक भी इस समस्या के समाधान में लगे हैं. जलवायु में परिवर्तन के कारण कई घटनाएं होती है. वैज्ञानिकों को इसके कई संकेत दिखने लगे हैं. इसमें सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि ध्रुवीय बर्फ पिघलने लगा है, जिससे समुद्र का जल स्तर बढ़ने का खतरा दिखाई दे रहा है. नए अध्ययन के मुताबिक, अंटार्कटिका (Antarctica) में आइसबर्ग (Ice Bergs) के पिघलने से पृथ्वी पर नया हिमयुग (Ice Age) आ सकता है. लेकिन इस बार का हिमयुग थोड़ा अलग होगा. 


पृथ्वी  के हालात हिमयुग की तरफ बढ़ रहे हैं


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

महासागरों (Oceans) के इन प्रक्रिया का नतीजा यह है कि इससे ग्रीनहाउस प्रभाव (Greenhouse Effect) कम होने लगता है और पृथ्वी (Earth) के हालात हिमयुग (Ice age) की ओर चले जाते हैं. कार्डिफ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर इयान हॉल ने बताया है कि अंटार्कटिका (Antarctica) और पृथ्वी की सूर्य की कक्षा से संबंधित जलवायु सिस्टम के प्राकृतिक लय के प्रति दक्षिणी महासगार (Southern Ocean) के प्रतिक्रिया में संबंध स्थापित करते हैं. 


यह भी पढ़ें-वैज्ञानिकों को मिला 'Super Earth' ग्रह, धरती की तरह जीवन की है संभावना!


सूर्य की ऊर्जा में होते ये बदलाव


कार्डिफ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का नेचर जर्नल प्रकाशित हुआ है, जिसमें उन्होंने ये समझाने की कोशिश की है कि पृथ्वी (Earth) पर हिमयुग (Ice Age) की शुरुआत कैसे होती है. अब तक की मिली जानकारी के मुताबिक, हिम युग के बारे में अबतक यही जाना जाता रहा है कि इनमें पृथ्वी (Earth) के सूर्य का चक्कर लगाने वाली कक्षा में हजारों सालों में आने वाले बदलाव की वजह से आते हैं. पृथ्वी पर सूर्य (Sun) की ऊर्जा पहुंचने की मात्रा में बदलाव आता है. 


हिमयुग की शुरुआत से पहले होती हैं ये घटनाएं


इस अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों ने पिछले जलवायु के हालातों का पता लगाया. चट्टानों (Icebergs) के पिघलने से आंटार्किका (Antarctica) की चट्टानों के टुकड़े महासागर (Oceans) में गिरने पर पाया गया कि ये टुकड़े (ice-rafted debris) गहरे महासागरीय धाराओं के प्रवाह में लगातार बदलाव ला रहे हैं. कार्डिफ यूनिवर्सिटी के आइडन ने बताया, हम यह जानकर हैरान थे कि यह घटना पिछले 16 लाख सालों में हर हिमयुग की शुरुआत के समय होती है.


यह भी पढ़ें-Astronaut Rakesh Sharma: 72 साल के हुए भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री, जानिए उनसे जुड़ी रोचक बातें


हम इंटरग्लेसियल  काल में रह रहे हैं  


पिछले तीस लाख सालों में पृथ्वी (Earth) नियमित रूप से हिमयुग (Iceage) के हालातो में है. लेकिन हम इंटरग्लेसियल (Interglacial) काल में रह रहे हैं जहां तापमान तुलनात्मक रूप से गर्म हैं. लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि वैश्विक तापमान के बढ़ने से हिमयुग चक्र की प्राकृतिक लय बिगड़ सकती है. दक्षिणी महासागर (Southern Ocean) अंटार्कटिका (Antarctica) की बर्फ की चट्टानों के लिए बहुत गर्म हो जाएगा. जिससे महासागरों की धाराओं के प्रवाह में बदलाव शुरू हो जाएगा जो हिमयुग की शुरुआत कर देगा.


विज्ञान से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


 


LIVE TV